प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई है, जिन किसानों ने विभिन्ना बैंकों से kCC है। उन्हें खरीफ फसल की बोवनी का पटवारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र बैंक में 29 जुलाई तक जमा करना अनिवार्य है।
पटवारी बोवनी का प्रमाण पत्र जारी करने के पहले किसानों को ही आनलाइन गिरदावरी की जानकारी एमपी किसान एप (MP kisan App) में दर्ज करना है, लेकिन किसानों को इस को एप संबंधी कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया, जिससे उन्हें गिरदावरी की जानकारी भरने में परेशानी हो रही है।
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किसान के पास नहीं है एंड्रायड मोबाइल
वहीं कई किसान ऐसे हैं, जिनके पास एंड्रायड मोबाइल ही नहीं है, जिससे वे इस एप को उपयोग नहीं कर पा रहे हैं, वहीं जो किसान एप पर अपनी जानकारी दे रहे हैं, वे पटवारी से बोवनी का प्रमाणपत्र लेने के लिए चक्कर काट रहे हैं।
हालत यह है कि – पटवारी मुख्यालय पर नहीं रहते, जिन्हें किसान खोजते नजर आ रहे हैं, बगैर पटवारी के किसान बैंकों में भी प्रमाणपत्र जमा नहीं कर पा रहे हैं
योजना का प्रचार प्रसार ग्रामीण क्षेत्र में सही ढंग से नहीं
जिला अध्यक्ष आम आदमी किसान संगठन धनीराम गुप्ता ने बताया कि – योजना का प्रचार प्रसार ग्रामीण क्षेत्र में सही ढंग से नहीं किया जा रहा है।
गिरदावरी की जानकारी किस तरह से मोबाइल एव पर भरी जाना है, यह भी किसानों को पता नहीं है, सरकार ने भी किसी तरह का प्रशिक्षण किसानों को नहीं दिया है।
श्री गुप्ता के मुताबिक अखबारों एवं व्हाट्सएप के माध्यम से योजना का प्रचार प्रसार किया गया है, जो हर किसान तक सही जानकारी नहीं पहुंचा है, इसलिए किसान बीमा कराने से वंचित हो रहे हैं ।
आवेदन के साथ बोवनी प्रमाण देना जरूरी -Girdawari App
वर्ष 2020 से बीमा को ऐच्छिक कर दिया गया है, अर्थात किसान को अपना बीमा करवाने के लिए संबंधित बैंक में आवेदन के साथ बोवनी प्रमाण देना जरूरी है, लेकिन किसान जानकारी के अभाव में यह सब नहीं कर पा रहे हैं।
दूसरा सबसे बड़ा कारण यह भी है, कि – हर पटवारी हल्का में पटवारी स्थाई रूप से नहीं रहते, किसान पटवारी का इंतजार करते करते थक जाते हैं, प्रमाण पत्र बनवाना बहुत कठिन है।
क्यो है किसान परेशान क्या है मामला
फसल बीमा के लिए इस साल किसानों को ही गिरदावरी करना है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ई-तकनीक का उपयोग किया है।
गिरदावरी के लिए किसानों को एमपी किसान एप प्ले स्टोर से डाउनलोड करना है, इसी ऐप के माध्यम से खेत पर ही खड़े होकर बोई गई फसल की फोटो सहित जानकारी अपलोड करना है, लेकिन एप से संबंधित किसानों को प्रशिक्षण नहीं दिया गया ।
तकनीकी खराबी से ऐप Girdawari App बंद था
वहीं 26 जुलाई तक यह एप तकनीकी खराबी के कारण Girdawari App बंद था, जिससे किसान परेशान थे, कई किसान ऐसे हैं, जिनके पास एंड्रायड मोबाइल भी नहीं है, जिससे अब भी परेशान हैं।
किसान को स्वयं ही बोवनी का प्रमाणपत्र आनलाइन भरना है, जो एप के माध्यम से पटवारी के यहां पहुंचता है, लेकिन कई जगह पटवारी मुख्यालय पर नहीं मिल रहे, जिससे किसान परेशान हैं।
पटवारियों मुख्यालय पर ही रहे
एप के माध्यम से गिरदावरी करने को लेकर कुछ जगह से परेशानी की शिकायतें आ रही हैं, इसको लेकर पटवारियों को मुख्यालय पर ही रहने के निर्देश दिए जाएंगे।
पटवारी स्वयं किसानों को फार्मेट उपलब्ध कराएं, जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो, विभाग की ओर से भी किसानों को जागरूक किया जाएगा – बीएएल मालवीय, उप संचालक, कृषि विभाग, सागर