ऐसे तो फलों को उनके पकने के समय से पहले पकाने के कई अनेक तरीके हैं, परंतु सभी उपाय सुरखित नहीं है, ऐसे में आज हम जानेंगे सबसे सुरक्षित और आसान पारंपरिक और राइपनिंग तरीका है, जिससे फल स्वस्थ तो रहता ही हे साथ साथ उसकी क्वालिटी मे भी कोई खराबी नहीं आती है, तो आइये जानते है फलो को बिना नुकसान पाहुचाए कैसे पका सकते है –
राइपनिंग तकनीक क्या है ?
Ripening Technique एक आधुनिक तकनीक है, जिसका उपयोग करके फलो को समय से पहले पकाया जाता है, इसका अधिकतर उपयोग कई बड़े फल विक्रेता करते हैं, इस तकनीक से फल पकाने के लिए छोटे-छोटे चैंबर वाला कोल्ड स्टोरेज बनाया जाता है, इस चैंबर में एथिलीन गैस को छोड़ दिया जाता है, इससे फल जल्दी पकने लगते हैं।
इससे किसी प्रकार का फलों को खतरा नहीं होता है, सरकार द्वारा इस पर किसानों को लगभग 35 से 50 % तक की सब्सिडी भी दी जाती है, इस तकनीक को आम, पपीता और केला पकाने में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
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केले को पकाना – Banana Ripening Process
केलो को Ripening Technique से पहने के लिए सबसे पहले कच्चे केलो को डिब्बा नुमा छोटे चैंबर वाला कोल्ड स्टोरेज मे रखा जाता है, फिर इन कच्चे फलो पर गेस को छोड़ा जाता है, फिर फल धीरे-धीरे पकने लगते है। फलो के कलर मे धीरे धीरे बदलाव आने लगता है , ओर 4 से 5 दिन मे फल पूरा पककर तयार हो जाता है ।
फलो को पकने मे कितना समय लगता है
How long do fruits take to ripen
Ripening Technique से फलो को पकने मे लगभग 4 से 5 दिनों का समय लगता है, और इनकी क्वालिटी भी अच्छी रहती है ।
पहले फलो को ऐसे पकाया जाता था
पुराने समय में फलों को पकाने के लिए घरेलू और पारंपरिक तरीकों का इस्तेमाल किया जाता था, जोकि अभी भी ज्यादातर लोग करते ही हैं, कुछ व्यापारी पैरावट में फलों को दबाकर रखते हैं, ये तरीका बहुत सुरक्षित और कम खर्चीला होता है, परंतु इसमें समय ज्यादा लगता है।
इसके अलावा पकाने के लिए फल को बोरे, पैरा और भूसे में दबाकर रखने से भी फल समय से पहले पकाया जाता है, या फिर फल को कागज में लपेटकर रखने से भी फल अच्छे से पक जाता है।
हमारे देश भारत में फलों को अनेक तरीकों से पकाया जाता है, किसान भाइयो आपको बता दें कि – आज के समय मे फलों को पकाने की लिए कई तरह की आधुनिक तकनीकें भी कारगर साबित हुई हैं, लेकिन फिर भी फलों को पकाने के लिए हमेशा से पुरानी घरेलू तकनीक ही चर्चा में रहती हैं, तो किसान भाइयो इस लेख में हमने जाना की राइपनिंग (Ripening Technique) तरीके से फलो को कैसे पकाया जाता है ।
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