इस पोस्ट मे हम जानेंगे की भिंडी की खेती कर कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा साथ ही इसकी उन्नत किस्म कौन कौन सी है, बुआई का सही समय क्या है सिचाई कैसे करनी है।
बुआई का समय
रबी में
बुआई का समय – 1 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच
फसल अवधि – 45 से 70 दिन
खरीफ में
बुआई का समय – 15 जून से 31 जुलाई के बीच
फसल अवधि – 45 से 70 दिन
जायद में
बुआई का समय – 15 जनवरी से 31 मार्च के बीच
फसल अवधि – 45 से 70 दिन
तापमान , मिट्टी की तैयारी व खेत की जुताई
भिंडी की सफल खेती करने के लिए 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट का तापमान और मिट्टी का पी.एच .6 से 7.5 तक अच्छा रहता है । भिंडी की फसल बुवाई के 20 दिन पहले खेत की 1 जुताई के बाद 1 एकड़ खेत में 10 टन गोबर की खाद और 2.5 किलोग्राम ट्रिकोडेर्मा ( Trichoderma ) डालकर खेत की पलेवा कर दे । उसके बाद खेत की 3 बार अच्छे से जुताई करके खेत में पटटा फेर कर ज़मीन को समतल करें ।
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भिंडी की उन्नत किस्में ( Varieties )
- Mahyco – ( EXP HYB 2 ) – अवधि गुण 47 से 49 दिन इस किस्म की पहली तुड़ाई 47 से 49 दिन पर हो जाती है । इसके फल की लम्बाई 10 से 12 सेमी होती है । यह गहरे हरे रंग की किस्म है। इसकी बुवाई सभी मौसम में की जा सकती है । यह चितकबरा रोग को सहनेयोग्य किस्म है।
- Syngenta – ( OH – 2324 ) – अवधि गुण 42 से 45 दिन इस किस्म की पहली तुड़ाई 42 से 45 दिन पर हो जाती है । इसके फल की लम्बाई 10 से 12 सेमी होती है । यह गहरे हरे रंग की किस्म है। इसकी बुवाई जायद और खरीफ के मौसम में की जा सकती है । यह अच्छी पैदावार देने वाली किस्म है यह चितकबरा रोग को सहनेयोग्य किस्म है
- Nunhems – ( Samrat ) – अवधि गुण 45 से 50 दिन यह गहरे हरे रंग की पतली अच्छी पैदावार देने वाली किस्म है इसको सभी मौसम में बोया जा सकता है । यह चितकबरा रोग को सहनेयोग्य किस्म है
- Pusa Sawani – अवधि गुण 48 से 50 दिन यह किस्म आई ए आर आई , नई दिल्ली द्वारा बनाई गई है। यह किस्म गर्मी और बरसात के मौसम में उगानेयोग्य किस्म है । इसके फल गहरे हरे रंग के और कटाई के समय 10-12 सैं.मी. लंबे होते हैं। यह चितकबरा रोग को सहनेयोग्य किस्म है । इसकी औसतन पैदावार 48-60 क्विंटल होता है।
- पंजाब 7 – अवधि गुण 50 से 55 दिन यह किस्म पीत रोगरोधी है। इसके फल हरे और मध्यम आकार के होते हैं । यह बुवाई के लगभग 55 दिन बाद फल देना शुरू कर देती है। इसकी औसतन पैदावार 10 से 12 टन प्रति हेक्टेयर है।
- परभनी क्रांति – अवधि गुण 45 से 50 दिन यह किस्म पीत रोगरोधी होती है । यह गहरे हरे रंग की होती है और 15 से 18 सेंटीमीटर लंबी होती है । बुवाई के 50 दिन के बाद इसकी तुड़ाई शुरू हो जाती है। इसकी औसतन उपज 12 टन प्रति हेक्टेयर होती है ।
- पूसा ए -4 -अवधि गुण 45 से 50 दिन यह भिंडी की उन्नत किस्म है। यह मध्यम आकार के गहरे , कम लस वाली , 12 – 15 सेंटीमीटर लंबी होती है । बुवाई के 45 दिनों के बाद इसकी तुड़ाई शुरू हो जाती है। इसकी औसतन पैदावा 15 टन प्रति हैक्टेयर होती है।
- हिसार उन्नत – अवधि गुण 45 से 50 दिन यह प्रजाति वर्षा तथा गर्मी दोनों समय उगाई जाती है । इस किस्म के पौधे मध्यम ऊंचाई के पत्तियां का रंग हरा होता है । इसके फलों की लम्बाई 15-16 सेमी तक हो जाती है । इसकी पहली तुड़ाई 45 से 47 दिन में शुरू हो जाती है । प्रति हेक्टेयर 12 से 13 टन भिन्डी की पैदावार मिल जाती है।
- श्रीराम झिलमिल – अवधि गुण 45 से 48 दिन इस किस्म की बुवाई सभी मौसमों में की जा सकती है । इसके फल गहरे चमकीले हरे रंग में होते है । यह चितकबरा रोग के प्रति प्रतिरोधी है । इसके फलों की लम्बाई 9-10 सेमी और मोटाई 1.2 से 1.4 सेमी तक हो जाती है।
- अर्का अनामिका – अवधि गुण यह किस्म येलोवेन मोजेक रोग से प्रतिरोधी है । इसके पौधे ऊंचे , फल रोम रहित मुलायम गहरे हरे और 5 से 6 धारियां , फलों का डंठल लम्बा होता है । प्रति हेक्टेयर 12 से 15 टन पैदावार मिल जाती है।
बीज की मात्रा – भिंडी की खेती
भिंडी की 1 एकड़ फसल तैयार करने के लिए 3 से 4 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
बीज उपचार
हाइब्रिड बीज पहले से उपचारित आते है इनकी सीधी बुवाई की जा सकती है । अगर घर पर तैयार किया हुआ या देसी बीज की बुवाई करते है तो इसे कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम + थिरम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित कर ले।
बुआई का तरीका
भिंडी की बुवाई मशीन के द्वारा , हाथों से गड्ढा खोदकर या हलों के पीछे बीज डालकर की जा सकती है।
बुवाई के समय पौधे से पौधे की दूरी 15 से 30 सेमी और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 से 60 सेमी रखे। बीज को 1 से 2 सेमी की गहराई पर बोए।
उर्वरक व खाद प्रबंधन – भिंडी की खेती
बुवाई के समय भिंडी की फसल बुवाई के समय 1 एकड़ खेत में 25 किलोग्राम यूरिया , 35 किलोग्राम डी ए पी , 50 किलोग्राम पोटाश , 25 किलोग्राम कैल्शियम नाइट्रेट , 5 किलोग्राम जायम , 10 किलोग्राम कार्बोफुरान का इस्तेमाल करे।
बुवाई के 10 से 15 दिन बाद फसल बुवाई के 15 दिन बाद 10 ग्राम NPK 19:19:19 को 1 लीटर पानी के हिसाब से घोलकर स्प्रे करे।
बुवाई के 25 से 30 दिन बाद फसल बुवाई के 30 दिन बाद 1 एकड़ खेत में 10 किलोग्राम Micronutrient mixture को पौधे के जड़ के पास डाले।
बुवाई के 40 से 45 दिन बाद फसल बुवाई के 40-45 दिन बाद 10 ग्राम NPK 0:52:34 और 5 ग्राम बोरोन को 1 लीटर पानी के हिसाब से घोलकर पौधे पर स्प्रे करे।
भिंडी की खेती मे सिंचाई
अगर खेत में नमी न हो तो फसल की बुवाई से पहले भी सिंचाई की जा सकती है । भिंडी की फसल में पहली सिंचाई बीज अंकुरन के बाद करें।गर्मियों में सप्ताह में एक बार भिंडी की सिंचाई होनी चाहिए।
फसल की तुड़ाई
भिंडी की तुड़ाई किस्मो के अनुसार 42 से 45 दिन पर शुरू हो जाती है। भिंडी के छोटे और कच्चे फलों की तुड़ाई करें । फलों की तुड़ाई सुबह और शाम के समय करनी चाहिए।