गाँवों में ही मिलेगा पेट्रोल-डीजल: 25 राज्यों से शुरू PACS की सुविधा

ग्रामीण भारत के किसान अक्सर डीजल-पेट्रोल की कमी और इसके लिए दूर-दराज के शहरों पर निर्भरता से जूझते रहे हैं। मगर अब प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) की नई पहल से यह समस्या काफी हद तक सुलझने वाली है। सरकार ने PACS को पेट्रोल-डीजल की डीलरशिप देने का रास्ता साफ कर दिया है, जिससे गाँव-देहात में ईंधन आसानी से और कम खर्चे में उपलब्ध हो सकेगा। आइए जानते हैं, कैसे यह कदम गाँव के किसानों और आमजन के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है।


PACS क्या हैं और कैसे करेंगी मदद?

PACS (प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ) गाँव स्तर पर स्थापित वे संस्थाएँ हैं, जो किसानों को सस्ती दरों पर कृषि लोन, खाद-बीज, कृषि यंत्र और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराती हैं। अब इन्हें डीजल-पेट्रोल आउटलेट खोलने की अनुमति मिलने से:

  • स्थानीय ईंधन उपलब्धता: किसानों को खेतों में सिंचाई पंप, ट्रैक्टर और अन्य कृषि उपकरणों के लिए डीजल की सुविधा अपने ही गाँव में मिलेगी।
  • समय और खर्च में कमी: दूर के शहरों तक जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, जिससे समय और परिवहन लागत घटेगी।
  • आर्थिक मजबूती: PACS को ईंधन बिक्री से अतिरिक्त आमदनी होगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर बनेगी और वे किसानों को और बेहतर सेवाएँ दे सकेंगे।
Pacs Rural petrol pump

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25 राज्यों से 286 PACS ने दिखाई दिलचस्पी

सरकार के इस कदम का असर साफ दिख रहा है। पूरे देश के 25 राज्यों की करीब 286 PACS ने डीजल-पेट्रोल बिक्री के लिए आवेदन किया है। इनमें से 4 राज्यों की 109 PACS ने अपने मौजूदा कंज़्यूमर पंपों को खुदरा आउटलेट में बदलने पर हामी भरी है, जिसमें से 45 समितियों को तेल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) से स्वीकृति-पत्र भी मिल चुके हैं।


ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

गाँव और कस्बों में ईंधन की आसानी से उपलब्धता:

  • रोज़गार के नए अवसर: ईंधन स्टेशनों के संचालन और प्रबंधन से गाँव के युवाओं को नौकरी मिलेगी।
  • स्थानीय विकास: शहरों की ओर निर्भरता कम होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
  • कृषि कार्य में तेजी: समय रहते ईंधन मिलने से खेतों में मशीनें जल्दी चालू होंगी, जिससे फसल उत्पादन और गुणवत्ता बेहतर होगी।

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PACS पर मिलेंगी 27+ सेवाएँ

PACS अब सिर्फ ईंधन ही नहीं, बल्कि कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) की तरह अनेक सेवाएँ मुहैया करा रही हैं। इनके जरिए गाँव के लोगों को मिलता है:

  • कृषि इनपुट (खाद, बीज, कीटनाशक)
  • कृषि ऋण और लोन सुविधाएँ
  • पशु दवाइयाँ और अन्य पशुपालन संबंधी सेवाएँ
  • सरकारी योजनाओं की जानकारी और लाभ
  • बैंकिंग, गैस एजेंसी, जन औषधि केंद्र, अनाज खरीद, भंडारण
  • डिजिटल सेवाएँ जैसे बिल जमा, दस्तावेजों की अपडेट, ऑनलाइन आवेदन

कुल मिलाकर, PACS के माध्यम से अब ग्रामीण इलाकों में 27 से भी ज्यादा सेवाएँ एक ही छत के नीचे मिल रही हैं।


किसानों को क्या होगा फ़ायदा?

  • कम खर्च, ज्यादा मुनाफ़ा: डीजल-पेट्रोल के लिए दूर न जाना पड़ेगा, जिससे समय और पैसा बचेगा।
  • सुविधाजनक कृषि कार्य: समय पर ईंधन मिलने से फसलों की देखभाल और सिंचाई बेहतर होगी।
  • स्थानीय रोजगार: स्थानीय स्तर पर नौकरियों की उपलब्धता बढ़ेगी और गाँव के लोगों को अपने ही क्षेत्र में काम मिलेगा।

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