गुच्छों में लगने वाला खास टमाटर: मीठा स्वाद भरपूर पौष्टिकता

टमाटर हमारे भोजन का अहम हिस्सा है, और चटक लाल रंग के गोल-मटोल टमाटर खट्टे स्वाद के लिए जाने जाते हैं। लेकिन एक ऐसा टमाटर भी होता है, जिसका स्वाद मीठा होता है। इस टमाटर के फल लंबी बेल में अंगूर के गुच्‍छों की तरह लगते हैं।

जिस टमाटर की हम बात कर रहे ही वह वीएल चैरी टमाटर-1 है, इस टमाटर मे विटामिन सी की मात्रा आम टमाटर की तुलना में तीन गुना अधिक होती है। इसलिए, यह टमाटर सर्दी-जुकाम और कोरोना जैसे संक्रमण से बचाने के लिए जरूरी विटामिन-सी का बहुत अच्छा विकल्प है।

इस चैरी टमाटर-वन की खेती को पहली बार राजधानी के खजूरीकलां में रहने वाले प्रगतिशील किसान मिश्रीलाल राजपूत ने शुरू की हैं, आइए जानते है, इस टमाटर के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी…

चैरी टमाटर-वन

खजूरी कलां में अपने खेत में आधा एकड़ जमीन में मिश्रीलाल राजपूत ने चैरी टमाटर-वन की फसल लगाई है। इस नई प्रजाति के शानदार उत्पादन ने उन्हें उत्साहित कर दिया है। विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (वीपीकेएएस) अल्मोड़ा के वैज्ञानिकों ने इस प्रजाति को विकसित किया है।

इसका पौधा बेल की शक्ल में बढ़ता है, और फल अंगूर से थोड़े बड़े होते हैं, जो गुच्छों में लगते हैं। वे वर्तमान में बीज तैयार करने के उद्देश्य से फसल लगा रहे हैं ,और शीघ्र ही इसकी व्यावसायिक खेती की योजना बना रहे हैं।

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किन राज्यों के लिए विकसित किया गया

वैज्ञानिकों ने वीएल चैरी टमाटर-1 नाम से एक नई प्रजाति का विकास किया है, जिसका परीक्षण लंबे समय तक किया गया है। इस प्रजाति को खास तौर पर

  • उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर,
  • लद्दाख, हिमाचल प्रदेश,
  • असम, अंडमान निकोबार
  • और मध्यप्रदेश

राज्य के लिए विकसित किया गया है, इस प्रजाति की खेती बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

विटामिन सी की भरपूर मात्रा

इस नई प्रजाति का खास फायदा विटामिन सी की मात्रा का है, वीएल चैरी टमाटर-वन में प्रति 100 ग्राम में 86 मिग्रा विटामिन सी होती है, जबकि सामान्य टमाटर में यह मात्रा 32 मिलीग्राम होती है। यह विटामिन सी की प्रचुर मात्रा इस नई प्रजाति को स्वास्थ्यवर्धक बनाती है।

वैज्ञानिक समुदाय को उत्सुकता से इंतजार

विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. लक्ष्मीकांत ने बताया कि इस प्रजाति का खेतों में परीक्षण किया जा चुका है, और उसकी मात्रा विटामिन सी के संबंध में विश्वसनीय है। इसकी उन्नत खेती के लिए वैज्ञानिक समुदाय उत्सुकता से इंतजार कर रहा है।

सलाद के लिए उत्तम और पैदावार भी अधिक

वीपीकेएएस के विज्ञानी डा. निर्मल कुमार ने बताया है, कि टमाटर की नई प्रजाति “वीएल चेरी टमाटर-1” खास तौर पर सलाद के लिए अधिक बेहतर मानी जा रही है। इस टमाटर का स्वाद मीठा होता है, और फल अंगूर के गुच्छे की तरह लगता है।

इसके पेड़ की बेलें सामान्य टमाटर की अपेक्षा काफी बड़ी और फैली होती हैं, जिससे पैदावार भी अधिक होती है, लगभग 350 से 375 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।

इसमें विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होने के कारण, यह टमाटर कोरोना संक्रमण से मुकाबले में भी काफी कारगर सिद्ध हो सकता है।

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