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प्रो ट्रे तकनीक से उगाएं फल और सब्जियां कमाए अधिक मुनाफा

किसान भाइयो आज हम इस पोस्ट मे प्रो ट्रे तकनीक (Pro Tray Technology) के बारे मे जानेंगे, जैसा की आप जानते है, आज के समय मे सब्जियों और फलों के उत्पादन के लिए एक से बढ़कर एक तकनीकें चलन में हैं, और किसान इंका पूरा फायदा भी ले रहे हैं, इन तकनीकों का उपयोग कर समय और श्रम दोनों की बचत हो रही है, वही किसान की आमदनी बढ़ भी रही है।

प्रो ट्रे तकनीक क्या है ?

प्रो ट्रे तकनीक सब्जी लगाने की नई तकनीक है, जिसे प्रो ट्रे या प्लास्टिक तकनीक कहते है, इसके माध्यम से ट्रे मे सब्जी की खेती आसानी से की जा सकती है, या ट्रे मे बीज से पौधा तैयार करके बाद मे इसे खेत मे भी लगाया जा सकता है, इसके कई प्रकार के दूसरे भी उपयोग आए फायदे है, जिसे हम इस पोस्ट मे जानेंगे।

किसान बंधु ये ट्रे ज्यादा महंगी नहीं आती है, एक ट्रे की कीमत लगभग 15 से 20 रुपए होती है, वहीं इस ट्रे में लगभग 80 से 100 खाने होते है, जिससे आप मान सकते है, कि 20 रुपए की ट्रे में आप 100 पौधे लगा सकते है।

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अच्छे उत्पादन की संभावना

हाइड्रोपोनिक और वर्टिकल फार्मिंग की तरह ही प्रो ट्रे तकनीक (Pro Tray Technology) ने भी किसानों का जीवन बदल दिया है, इसके जरिए किसान कम खर्च और कम जगह में अच्छी पैदावार उत्पन्न करके बढ़िया आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।

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प्रो ट्रे नर्सरी कैसे तैयार करें

किसान भाइयो नीचे दिये गए कुछ स्टेप्स को आप फॉलो करे जिससे आपको पूरी जानकारी मिलेगी की प्रो ट्रे नर्सरी कैसे तैयार करें –

किसान भाइयो प्रो ट्रे नर्सरी तैयार करने के लिए सबसे पहले आपको एक प्रो ट्रे की व्यवस्था कर लें फिर कंपोस्ट और कॉकपिट नारियल तेल का बेस तैयार कर लें, इसके लिए सबसे पहले कॉकपिट ब्लॉक की आवश्यकता होगी ।

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यह नारियल के बुरादे से बनती है, इस ब्लॉक को 5 घंटे तक पानी में भिगोकर रखना है, और फिर कॉकपिट ब्लॉक की अच्छी तरह से सफाई करनी है, ताकि इसमें मौजूद सब गंदगी और अशुद्धियां बाहर निकल जाए और पौधों को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे, उसके बाद कॉकपिट ब्लॉक को अच्छी तरह सुखा लें ।

जब ब्लॉक सूख जाए तो 50% वर्मी कंपोस्ट और 50% कॉकपिट को अच्छी तरह मिक्स करके इसमें भर दें, यदि आप अच्छी क्वालिटी के वर्मी कंपोस्ट का प्रयोग करेंगे तो आपको नतीजे बेहतर मिलेंगे।

अब आप इन सब को मिलाकर अच्छी तरह से मिक्सर तैयार कर लें ।

ट्रे मे बीजों की बुवाई कैसे करे

प्रो ट्रे में कुछ छेद बना लें, छेदों को ज्यादा गहरा ना करें और अब इसमें धीरे-धीरे बीज डाल दें और फिर इसे अंधेरे कमरे में रख दें। किसान भाइयो हमें इस बात का ध्यान रखना है कि – बीजों की बुवाई के बाद तुरंत सिंचाई नहीं करनी है।

जब पौधे उग जाएं, तो इन्हें निकाल कर बाहर रख देना है, और इसके बाद पौधों की पहली सिंचाई करनी है।

इन पौधों को सूखने ना दें, इस तरीके से 10 से 15 दिन में एक बेहतरीन नर्सरी तैयार हो जाएगी।

प्रो ट्रे से पौधे को नहीं होता नुकसान

संरक्षित वातावरण में आधुनिक तरीके से रोग रहित उच्च गुणवत्ता के पौध तैयार के साथ मुख्य खेत में ससमय रोपण करके 20-25 फीसदी अधिक उत्पादन और 25 से 30 फीसदी अधिक मुनाफा होता है, इससे भी अधिक मुनाफा के लिए 30 से 40 दिन अगेती उत्पादन लेकर उच्च मूल्यों पर फसलों की बिक्री की जा सकती है।

  • प्रो ट्रे तकनीक से जो पौधे तैयार होेेते हैं, उसे बड़ी आसानी से खेत में लगा सकते हैं।
  • इस तकनीक से पौध का कोई भी हिस्सा टूटता या बर्बाद नहीं होता है।
  • सभी पौध एक समान रूप में वृद्धि करते हैं ।
  • इससे इस तकनीक और जमीन में तैयार पौध की तुलना करें तो 15-20 दिन पहले फलन शुरू होने लगता है।
  • इसमें अन्य विधि से तैयार पौध की तुलना में कीट या किसी तरह रोग का ज्यादा प्रकोप नहीं होता है।
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प्रो ट्रे तकनीक के फायदें

  • अगर अधिक बारिश होती है, तो किसान अपनी प्लास्टिक ट्रे को आसानी से ले जाकर सुरक्षित जगह पर रख सकता है।
  • इस तकनीक से किसान अपने पौधों को कई बीमारियों और कीड़ों से बचा सकता है, देखा जाता है कि बारिश के मौसम के दौरान कई कीड़े और बीमारियां सब्जी के बीज और छोटे पौधे को काफी नुकसान पहुंचाती है, लेकिन प्लास्टिक ट्रे को सुरक्षित स्थान में रखने से उसे बचाया जा सकता हैं।
  • इस पद्धति से लगाई सब्जी की गुणवत्ता अच्छी होती है, साथ ही समय की बचत होती है।
  • इससे बेमौसमी सब्जी की फसल ले सकते हैं।
  • कम क्षेत्र में अधिक पौधे तैयार करना संभव होता है, जिससे समय और जगह दोनों की बचत होती है।
  • पौधों की बढ़वार एक समान होती हैं।
  • इस तकनीक का उपयोग करते हुए अपने छोटे से पौधे की काफी अच्छे तरीके से देखभाल कर सकते है, जिसके बाद जब पौधा थोड़ा बडा होने लगे तो उसको फिर से निकाल कर आसानी से खेत में बोया जा सकता है, जिससे उसकी फसल को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा।
  • इस वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग कर घर से ही सब्जी का व्यवसाय किया जा सकता हैं।

इन फसलों की कर सकते हैं खेती

यह तकनीक अपनाकर कई तरह के देशी और विदेशी फलों और सब्जियों की खेती की जा सकती है, सबसे खास बात यह है कि इसकी मदद से किसी भी मौसम में सब्जियों और फल की खेती कर सकते हैं।

इस तकनीक से हम –

  • मिर्ची, टमाटर, फूल गोभी,
  • पत्ता गोभी, खीरा, ककड़ी,
  • आलू, धनिया, पालक,
  • गाजर, मूली और लौकी आदि

किसान भाइयो इससे सिर्फ सब्जी ही नहीं इस तकनीक से विभिन्न प्रकार के फल भी तैयार किए जा सकते हैं।

आसानी से खेती करना संभव होने के कारण इस तरह की खेती आजकल बहुत चलन में है, और किसानों में इसे लेकर बहुत उत्साह है, क्योंकि इसमें बिना मौसम भी बहुत सी सब्जियों और फलों की खेती की जा सकती है , और बाजार में बढ़ रही मांग की पूर्ति करके अच्छा मुनाफा भी कमाया जा सकता है।

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"हम एक टीम हैं, जो आपके लिए अलग-अलग स्रोतों से मंडी भाव और कृषि समाचार एकत्रित कर आप सभी किसान भाइयों तक पहुँचाती है...."

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