किसानों के समूह से ग्रेडिंग और पैकेजिंग यूनिट लगवाएगी सरकार

मध्यप्रदेश मे किसानों को उत्पाद का सही मूल्य दिलवाने और उन्हें स्वयं पर निर्भर बनाने के लिए शिवराज सरकार कृषि से प्राप्त उत्पादों के निर्यात को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दे रही है, और इसी के लिए अब किसानो का समूह बनाकर ग्रेडिंग और पैकेजिंग यूनिट लगवाई जाएंगी ।

ऋण एवं 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा

किसानो के इन समूहों को इसके लिए बैंक से ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा और साथ ही 3 प्रतिशत का ब्याज अनुदान भी सात बर्षो तक सरकार द्वारा उपलब्ध करवाया जाएगा । कृषि विभाग ने केंद्र सरकार की कृषि अधोसंरचना निधि के संचालन हेतु योजना को तैयार किया है। इसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में 28 जून मंगलवार को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा ।

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मध्य प्रदेश में किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण को सरकार लगातार प्रोत्साहित कर रही है । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सहकारिता, कृषि और उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के माध्यम से कृषि अधोसंरचना निधि के अधिक से अधिक उपयोग की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे ।

सहकारिता विभाग ने प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की कुछ योजनाओं को मंजूरी भी दिलवाई है, और काम भी प्रारंभ हो गया है। इसे अब और विस्तार देने की योजना तैयार की गई है । कृषि विभाग ने निधि के संचालन का जो प्रारूप तैयार किया है, उसमें राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट गठित की जाएगी, जो अधिक से अधिक हितग्राहियों को योजना का लाभ दिलाने का काम करेगी । किसानों और उद्यमियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

निगरानी समिति बनाई जाएगी

राज्य और जिला स्तर पर निगरानी समितियां गठित होंगी।जिला स्तरीय निगरानी समिति हितग्राहियों की पहचान करके विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कराएगी और अनुशंसा सहित राज्य स्तरीय समिति को भेजेंगी । समिति गुण-दोष के आधार पर परीक्षण करके इसे स्वीकृति के लिए बैंकों को भेजेगी ।

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सरकार किसानों को दिलाना चाहती है लाभ

कृषि और सहकारिता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि – किसान को उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रसंस्करण को बढ़ावा देने आवश्यक है, अभी व्यापारी किसानों से उपज लेकर प्रसंस्करण कर उसे अधिक कीमत में बेचते हैं, हाल ही में व्यापारियों ने किसानों से गेहूं निर्यात करने के लिए खरीदकर गे्रडिंग और पैकिंग करके लाभ अर्जित किया।

यह लाभ सरकार किसानों को दिलाना चाहती है, इसके लिए कृषि अधोसंरचना निधि के माध्यम से दो करोड़ रुपये तक का ऋण भी बैंक से मिल सकता है। सात साल तक तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान भी सरकार देगी ।

मध्य प्रदेश गेहूं के निर्यात में गुजरात से आगे

मध्य प्रदेश अब कृषि उत्पादों के निर्यात में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस वर्ष देश से अप्रैल 2022 में कुल 14 लाख 72 हजार 423 टन गेहूं का निर्यात हुआ। इसमें मध्य प्रदेश ने सर्वाधिक पांच लाख 86 हजार 423 टन गेहूं निर्यात कर रिकार्ड बनाया है।

अभी व्यापारी किसानों से गेहूं खरीदता है और उसकी ग्रेडिंग और पैकेजिंग करके निर्यात करता है। सरकार की मंशा है कि यह काम किसानों से जुड़े समूह करें तो उन्हें अधिक लाभ होगा।

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