शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन भी कहा जाता है, क्योंकि इसका रंग सुनहरा होता है, साथ ही यह हथेली पर भारी लगता है, और इसका स्वाद मीठा होता है, इसलिए इसका नाम शरबती है, तो आइये जानते हैं, इसकी खेती के बारे में –
कई किसान भाइयों की यह शिकायत होती है कि – उन्हें गेहूं की अच्छी पैदावार (Wheat Farming) नहीं मिल रही है, ऐसे में किसानों को गेहूं की अलग-अलग किस्मों को उगाना चाहिए ताकि उन्हें तगड़ा मुनाफा भी मिल सके।
आज जिस गेहूं की हम बात करने जा रहे हैं वो सिर्फ दिखने में ही नहीं बल्कि खाने में भी बहुत पौष्टिक होता है, साथ ही किसानों को बंपर मुनाफा भी देता है।
शरबती गेहूं की खासियत व विशेषताएं (Characteristics of Sharbati Wheat)
- “शरबती” (Sharbati) देश में उपलब्ध सबसे प्रीमियम प्रकार का गेहूं है.
- सीहोर क्षेत्र में शरबती गेहूं बहुतायत में उगाया जाता है.
- सीहोर क्षेत्र में काली और जलोढ़ उपजाऊ मिट्टी है जो शरबती गेहूं के उत्पादन के लिए उपयुक्त है.
- शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन (Golden Grain) भी कहा जाता है, क्योंकि इसका रंग सुनहरा होता है.
- साथ ही यह हथेली पर भारी लगता है और इसका स्वाद मीठा होता है, इसलिए इसका नाम शरबती है.
- सीहोर जिले में “शरबती गेहूं” 40390 हेक्टेयर क्षेत्र में बोया जाता है और वार्षिक उत्पादन 109053 मिलियन टन होता है.
शरबती गेहूं की खेती (Sharbati Wheat Farming)
- शरबती मध्य प्रदेश को ज्ञात सर्वोत्तम गुणवत्ता वाला गेहूं है.
- शरबती आटा स्वाद में मीठा और बनावट में अन्य की तुलना में बेहतर होता है.
- शरबती के आटे के दाने आकार में बड़े होते हैं.
- मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में काली और जलोढ़ उपजाऊ मिट्टी है जो इसके लिए एकदम उपयुक्त है
- शरबती गेहूं (Sharbati Gehu) को गोल्डन ग्रेन भी कहा जाता है.
- यह गेहूं मध्य प्रदेश के सीहोर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद , हरदा, अशोकनगर, भोपाल और मालवा जिले में उगाया जाता है.
- इसकी औसत बुवाई दर 30-35 किग्रा/एकड़ है.
- इसकी पैदावार लगभग 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है.
- यह 135 से 140 दिनों की फसल होती है.
- स्वस्थ फसल के लिए इसे कम से कम 2 सिंचाई की आवश्यकता होती है.
- इसके बीज मोटे, चमकदार और चमकदार होते हैं.
क्यों है शरबती गेहूं इतना खास (Why Sharbati Wheat is Special)
मध्य प्रदेश के क्षेत्रों में वर्षा जल से सिंचित होने के कारण शरबती गेहूं की मिट्टी में पोटाश की मात्रा अधिक तथा आर्द्रता कम होती है. इसके परिणामस्वरूप सामान्य गेहूं के आटे की तुलना में गेहूं की प्रोटीन सामग्री लगभग 2% अधिक बढ़ जाती है.
इससे शरबती गेहूं की फसल में कीटनाशकों के इस्तेमाल की जरूरत कम हो जाती है. और यही वज़ह है कि शरबती गेहूं की फसल का आटा निस्संदेह बाकी की तुलना में बेहतर आटे के रूप में योग्य होता है.
शरबती गेहूं के लाभ (Benefits of Sharbati Wheat)
यह अत्यधिक पौष्टिक होता है और प्रति 30 ग्राम में लगभग 113 कैलोरी, वसा (1 ग्राम), कार्बोहाइड्रेट (आहार फाइबर सहित 21 ग्राम), प्रोटीन (5 ग्राम), कैल्शियम (40 मिलीग्राम) और आयरन (0.9 मिलीग्राम) होता है.
इसके अलावा, यह मैग्नीशियम, सेलेनियम, कैल्शियम, जिंक और मल्टी विटामिन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर है.
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