कृषि में ड्रोन उपयोग को बढ़ावा
खेतों में ड्रोन प्रदर्शन के लिए कृषि विभाग ने दिए 52.50 करोड़ रु.– केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने लोकसभा में बताया कि कृषि विभाग द्वारा कृषि में ड्रोन उपयोग को बढ़ावा देने के लिए मानक निर्देश (SOP) जारी किए हैं ।
75 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में प्रदर्शनों
जो ड्रोन का प्रभावी और सुरक्षित संचालन करने के लिए हैं, विभाग ने अब तक ICAR को 300 ड्रोन की खरीद करने और देशभर में 100 केवीके, 75 ICAR संस्थानों और 25 SAU के माध्यम से 75 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में प्रदर्शनों के लिए 52.50 करोड़ रुपए की राशि भी दी है।
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किसानों को वित्तीय सहायता
किसानों के लिए ड्रोन तकनीक को सस्ता बनाने और उपलब्ध कराने के लिए कृषि यंत्रीकरण उपमिशन (SMAM) के तहत आईसीएआर संस्थानों, कृषि विज्ञान केन्द्रों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, राज्य और केन्द्र सरकार के अन्य कृषि संस्थानों को किसानों के खेतों पर ड्रोन प्रदर्शन के लिए 100 प्रतिशत लागत (प्रति ड्रोन 10 लाख रुपये तक) की वित्तीय सहायता दी जाती है।
किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को किसानों के खेतों पर ड्रोन के प्रदर्शन हेतु इनकी खरीद के लिए 75 प्रतिशत की दर से अनुदान दिया जाता है।
ड्रोन के माध्यम से कृषि सेवाएं देने के लिए किसान सहकारी समिति, FPO और ग्रामीण उद्यमियों के अधीन कस्टम हायरिंग केन्द्रों (CHC) द्वारा ड्रोन खरीद के लिए भी 40 प्रतिशत की वित्तीय सहायता प्रदान दी जाती है, जो अधिकतम 4.00 लाख रुपये है।
CHC स्थापित करने वाले कृषि स्नातक, ड्रोन लागत की 50 प्रतिशत दर से अधिकतम 5.00 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता के पात्र हैं।
SC, ST किसानों को अधिकतम 5.00 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता
व्यक्तिगत छोटे और सीमांत किसानों, अनुसूचित जातियों (SC)/अनुसूचित जनजातियों (ST) के किसानों, महिला किसानों और पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को भी ड्रोन लागत की 50 प्रतिशत दर से अधिकतम 5.00 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता दी जाती है।
अन्य किसानों को ड्रोन की लागत की 40 प्रतिशत दर से अधिकतम 4.00 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी जाती है।