किसान की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाओं की शुरुआत की गई है, किसान इन योजनाओं का लाभ लेकर खेती में होने वाले मुनाफे को बढ़ा सकते हैं। आज हम इस पोस्ट में आपको सरकार द्वारा चलाई जा रही है, ऐसी 3 योजनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे किसान अच्छा खासा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।
इन योजनाओं से होगा किसानों को लाभ
भारत के ग्रामीण इलाकों में किसान खेती तो करता ही है साथ ही साथ आय के अन्य स्रोतों में सबसे अधिक पशुपालन पर आश्रित रहता है।
किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए खेती तथा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार समय-समय पर कई योजनाओं को चलाकर किसान को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करती है।
इस हेतु सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है, इन योजनाओं में से कुछ योजनाओं के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, तो पोस्ट को अंत तक पढ़िए आप इन योजनाओं के बारे में जान पाएंगे।
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राष्ट्रीय पशुधन मिशन
खेती के साथ-साथ अन्य व्यवसाय जैसे की मछली पालन, पशु पालन, मुर्गी पालन और एकीकृत खेती से जुड़ने की सलाह दे रही है, किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। सरकार द्वारा राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत किसानों को आर्थिक मदद प्रदान की जाती है।
राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना (National Livestock Mission) के अंतर्गत गांव में पोल्ट्री फॉर्म खोलने के लिए, बकरी भेड़ और सूअर पालने के लिए बाढ़ का निर्माण, चारा और दाने तक के लिए पशुपालक किसानों को लगने वाली लागत का 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है।
पीएम कुसुम योजना – PM Kusum Yojana
प्रधानमंत्री कुसुम योजना में किसानों को सब्सिडी पर सोलर पंप उपलब्ध करवाए जाते हैं, इसके लिए सरकार के द्वारा 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है।
किसान के अलावा यह सोलर पंप सहकारी समितियों और पंचायतों को भी इसी अनुदान पर दिए जा रहे हैं।
अनुदान के अतिरिक्त भी किसानों को अपने खेतों के आसपास सोलर पंप संयंत्र लगवाने के लिए जो भी लागत आती है, उसका 30 प्रतिशत तक का लोन भी उपलब्ध करवाया जाता है, यदि देखा जाए तो किसान को सिर्फ 10 प्रतिशत रकम का ही खर्च उठाना है।
यदि किसान डीजल और बिजली से चलने वाले पंप से अपने खेतों में सिंचाई करते हैं, तो इसका खर्च बहुत ही अधिक आता है, जिससे किसान की खेती में लगने वाली लागत बढ़ जाती है, और मुनाफा कम हो जाता है।
राष्ट्रीय बागवानी मिशन
कई किसान बरसों से परंपरागत खेती कर रहे हैं, लेकिन फिर भी उन्हें खेती में अच्छा मुनाफा प्राप्त नहीं होता है, यहां तक कि कई बार तो किसान की लागत तक नहीं निकलती है। ऐसे में सरकार द्वारा चलाई जा राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है।
फल, सब्जियां और औषधियों की खेती करने के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत सरकार द्वारा ट्रेनिंग दी जाती है। खेती करने के लिए किसानों को अनुदान भी प्रदान किया जाता है, और जरूरतमंद किसानों को लोन भी प्रदान किया जाता है।
National Horticulture Mission स्कीम में किसान आवेदन कर ग्रीन हाउस, पाली हाउस या फिर लो टनल जैसे संरक्षक ढांचे बनाकर उसमें सब्जियों की खेती कर सकते हैं, जिसमें समय से पहले सब्जियां पक जाती है, और बीमारियां भी कम लगती हैं, जिससे किसानों की लागत में कमी आती है, और अच्छी आमदनी प्राप्त कर पाते हैं।
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