देश में वर्तमान में आम का मौसम चल रहा है और यह फल अपने महकते स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। भारत के साथ ही दुनिया भर में अनेक प्रकार के आम मिलते हैं। वास्तव में, भारत के विभिन्न राज्यों में भी आम की विविधता देखी जा सकती है। इसलिए, इन विभिन्न प्रकार के आमों को प्रशंसा देने और उन्हें शहरी लोगों के पास पहुंचाने के लिए अलग-अलग प्रदर्शनियां आयोजित की जाती हैं। इन प्रदर्शनियों में देश और विदेश के विभिन्न प्रकार के आमों की प्रदर्शनी देखने को मिलती है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक विशेष आम प्रदर्शनी आयोजित की गई। इस प्रदर्शनी का आयोजन पंजाब केसरी भवन में उद्यान विभाग और प्रकृति की ओर सोसायटी के सहयोग से किया गया था। इस प्रदर्शनी में लगभग 200 प्रकार के आमों का प्रदर्शन किया गया। यहाँ विश्वास नहीं होगा, इस प्रदर्शनी में दुनिया की सबसे महंगी आम भी शामिल थी।
आम की सबसे महँगी किस्म कौन सी है?
रायपुर में आयोजित आम प्रदर्शनी में लोग भीड़ बनाकर दुनिया के सबसे महंगे आम को देखने के लिए उमड़ गए। इस आम की किस्म का नाम है जापानी प्रजाति। इस विशेष प्रजाति के आम की कीमत प्रति किलो 2 लाख 70 हजार रुपए है। जापान की मियाजकी आम की विशेषता यह है कि एक ही आम में दो तरह के स्वाद मिलते हैं।
दुनिया का सबसे महंगा आम – world’s most expensive mango
“मियाजकी आम” ने अपनी विशेष किस्म और महंगी कीमत से लोगों को आकर्षित किया। यह दुनिया के सबसे महंगे आमों में से एक है और इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रति नग 1 लाख 82 हजार रुपये है और वजन 639 ग्राम है। इस आम का वजन 900 ग्राम तक हो सकता है और इसकी कीमत प्रति किलो 2 लाख 70 हजार रुपये होती है।
एक आम दो तरह के स्वाद देता है ?
“मियाजकी आम” की एक और खासियत यह है कि जब वृक्ष पर फल बढ़ता है, तो जहां सूर्य की किरणें पड़ती हैं, वहां का स्वाद अलग होता है और दूसरी ओर, जहां छाया होती है, वहां का स्वाद अलग होता है। इस तरह, यह एक आम दो तरह के स्वाद देता है।
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हाथी झूल आम सबसे बड़े आकार की किस्म
हाथी झूल आम वाकई ही सबसे बड़े आकार की किस्म का है, जिसे आम प्रदर्शनी में बहुत सारी प्रजातियों के आमों के साथ दिखाया गया था। हालांकि, इस आम को देखकर सबसे ज्यादा लोगों का ध्यान सबसे महंगे और सबसे सस्ते आम पर गया। हाथी झूल आम वाकई महान आमों में से एक है।
हाथी झूल आम का वजन 2 से 5 किलो तक
इसके आम बहुत बड़े आकार के होते हैं, जिनका वजन 2 से 5 किलो तक होता है। इन आमों का उत्पादन अधिकांशतः बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर जैसे स्थानों में होता है। इनके वजन की वजह से यह आम आम बाजारों में आसानी से नहीं मिलता। प्रति किलो इसकी कीमत 150 रुपये तक होती है। इस आम को खाने के साथ-साथ आचार बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
61 किस्म के आम प्रतियोगिता के लिए पंजीकृत
प्रदर्शनी में कुल 61 किस्म के आम प्रतियोगिता के लिए पंजीकृत हो गए। इस प्रदर्शनी में राज्य के 33 जिलों की शासकीय रोपणियों और कृषकों ने 200 से अधिक किस्म के आमों का हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में 700 आम के प्रदर्शनों को किस्मवार देखकर, 15 किस्मों के उत्कृष्ट प्रदर्शन को पहला स्थान, 15 को दूसरा स्थान और 15 को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।
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