पीले तरबूज को अफ्रीका के खेतों में पहले उगाया जाता था, पीले तरबूज का रंग पीला होता है और इसमें अधिक मात्रा में केमिकल पाया जाता है।
पीले तरबूज में विटामिन ए की मात्रा अधिक होती है, पीला तरबूज ज्यादा मीठा होता है और इसका स्वाद शहद की तरह होता है।
पीले तरबूज की खेती रेगिस्तानी क्षेत्रों में प्रमुखतः होती है, रेगिस्तानी क्षेत्रों की मिट्टी में पीला तरबूज सरलता से उग जाता है।
भारत में पीले तरबूज की खेती गुजरात और राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में की जाती है।इसकी खेती सबसे अधिक गर्मी के मौसम में होती है।
पीले तरबूज का उगाव प्रमुखतः वर्षा के मौसम में होता है, पीले तरबूज की प्रमुख खेतीकरी जाति में आदिवासी और गुर्जर समुदाय शामिल हैं।
यह फल पौष्टिकता से भरपूर होता है और पानी की मात्रा भी अधिक होती है, पीले तरबूज में कैल्शियम, पोटैशियम, विटामिन सी, बी6 और बी12 आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं।
यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और पाचन क्रिया को सुधारता है, पीले तरबूज में फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है, जिससे पाचन सिस्टम स्वस्थ रहता है।
यह तरबूज मधुमेह रोग के मरीजों के लिए भी उपयोगी होता है, पीले तरबूज में पानी की मात्रा के कारण यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।
इसका नियमित सेवन आंतों की स्वच्छता और स्वस्थता के लिए फायदेमंद होता है, पीले तरबूज के बीज भी उपयोगी होते हैं और उन्हें भूनकर खाने का उपयोग किया जा सकता है।
यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं, पीले तरबूज को गर्मी के मौसम में ताजा या ठंडे में गर्म करके खाना एक लोकप्रिय तरीका है और इसे ताजगी से खाने का आनंद लिया जाता है।