अनार की खेती अगस्त से सितंबर महीने के बीच की जाती है. अनार को घर की बाल्टी में भी उगाया जा सकता है.
अनार का पौधा छोटा होने के कारण इसे घर की बालकनी और आंगन में लगाया जा सकता है. अनार के बीज लगाने का सबसे सही समय वसंत ऋतु से मध्य गर्मी के बीच होता है.
गर्म इलाकों में अनार को सितंबर से नवंबर महीने के बीच भी लगाया जा सकता है. अनार के पौधों को कम पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन शुरुआती 2 से 4 सप्ताह में ध्यान देना चाहिए.
जब पौधों पर फूल लगने लगें, तो पानी की जरूरत अधिक होती है. अनार के विकास के लिए 25 से 28 डिग्री सेल्सियस का तापमान अनुकूल माना जाता है.
अनार के पौधों को रोजाना 6 से 8 घंटे धूप की आवश्यकता होती है. अनार के पेड़ लगाने के 3 से 4 वर्ष बाद ही फल देना शुरू करते हैं.
अनार के फूल आने के 6 से 7 महीने बाद फल परिपक्व होने लगते हैं. फल का बाहरी आवरण गहरा गुलाबी रंग का होने पर ही इसे तोड़ना चाहिए
अनार के फल को ठंडे स्थान पर कई दिनों तक स्टोर किया जा सकता है. अनार के पौधों में फ्रूट बोरर, लीफरोलर्स ब्लाइट और हार्ट रॉट जैसे रोग लग सकते हैं.
जैविक फंगीसाइड, कीटनाशक और नीम के घोल का उपयोग रोगों से बचाव के लिए किया जा सकता है. नियमित जांच पड़ताल करना रोगों के लक्षणों को पहचानने में मदद कर सकता है.
पौधों की लंबाई और चौड़ाई को नियमित रूप से कटाई और छंटाई करना चाहिए. अनार की खेती एक सस्ता और आसान उद्यानिकी विकल्प है.
अनार का उत्पादन स्वास्थ्यपूर्ण और स्वादिष्ट होता है, घर के गमलों और कंटेनरों में अनार की खेती आजकल बहुत प्रचलित हो रही है.