टमाटर की 5 हाइब्रिड किस्मों से किसान को मिलेगा बेहतर लाभ 

टमाटर की खेती किसानों के लिए लाभदायक हो सकती है, टमाटर की मांग बाजार में साल भर बनी रहती है और इसकी कीमत उच्च रहती है।

अर्का रक्षक किस्म टमाटर के प्रमुख रोगों के खिलाफ प्रतिरोधी है, अर्का अभेद किस्म टमाटर की सबसे हाइब्रिड किस्म है।

अर्का अभेद की खेती से किसान प्रति हेक्टेयर 70-75 टन तक फल प्राप्त कर सकते हैं, अर्का संदेश किस्म ग्रीन शोल्डर रोग और बीमारियों के प्रति संवेदनशील है।

दिव्या किस्म टमाटर के लंबे समय तक चलते हैं और पत्ती और आंख सडन रोग के खिलाफ प्रतिरोधी हैं, दिव्या की खेती से किसान प्रति हेक्टेयर 70-90 ग्राम वजन के टमाटर प्राप्त कर सकते हैं।

अर्का विशेष की खेती से किसान प्रति हेक्टेयर 750-800 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं, पूसा गौरव की टमाटर एक दम लाल रंग के होते हैं और चिकने होते हैं।

पूसा गौरव के टमाटर बाजार में अधिक मांग होती है और इन्हें अन्य राज्यों और विदेशों में भेजा जाता है, टमाटर की खेती से किसान प्रति हेक्टेयर 75-80 टन तक फल प्राप्त कर सकते हैं।

दिव्या, अर्का विशेष, और पूसा गौरव जैसी किस्में बाजार में प्रसिद्ध हैं और मुनाफावसूली के दृष्टिकोण से लाभदायक हो सकती हैं, टमाटर की खेती में उचित रोपाई का समय, उपयुक्त उर्वरकों का प्रयोग, और समय पर जल संरचना का ध्यान रखना आवश्यक है।

टमाटर की खेती में सब्जी उत्पादन की तकनीकों का उचित अनुपालन करना चाहिए, किसानों को टमाटर की किस्मों का चयन उनके स्थानीय मार्केट और मांग के अनुरूप करना चाहिए।

किसानों को समय-समय पर टमाटर के प्रमुख रोगों और कीटाणुओं के खिलाफ संरक्षण के लिए उपयुक्त उपाय अपनाने चाहिए, उचित सिंचाई प्रणाली का उपयोग करके टमाटर की खेती में पानी की बचत की जानी चाहिए।

 टमाटर की खेती में उत्पादन को सही तरीके से संग्रहित करना और उचित बाजार में बेचना आवश्यक है, किसानों को नवीनतम खेती तकनीकों और अद्यतनित ज्ञान के साथ रहना चाहिए ताकि वे टमाटर की खेती में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

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