ड्रोन: किसानों के साथ-साथ बेरोजगारों को भी रोजगार, सरकार का नया प्लान 

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास के मुताबिक, ड्रोन टेक्नोलॉजी ने किसानों के काम को आसान बना दिया है, सरकार ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग करने पर किसानों को प्रोत्साहित कर रही है।

ड्रोन से यूरिया और दवाई का छिड़काव करने से मनुष्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों से बचा जा सकता है, ड्रोन टेक्नोलॉजी के द्वारा दवा और कीटनाशकों का छिड़काव करने में कम समय लगता है।

इस तकनीक से 6 से 8 मिनट में दवा का छिड़काव किया जा सकता है, ड्रोन टेक्नोलॉजी से ऊंचाई वाली फसलों पर भी आसानी से छिड़काव किया जा सकता है।

 सरकार ड्रोन खरीदने पर किसानों को 40 से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है, ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग करने से इंसान पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।

छिड़काव के वक्त होने वाले पानी के इस्तेमाल में भी कमी आती है, ड्रोन स्प्रे तकनीक सभी तरह की फसलों में कारगर है।

इस तकनीक का उपयोग फसलों की सुरक्षा में मदद कर सकता है, ड्रोन टेक्नोलॉजी खेती को औचित्यपूर्ण बनाने के लिए महत्वपूर्ण साधन है।

छिड़काव की वजह से कीटों और रोगों का प्रबंधन सुगम हो जाता है, ड्रोन टेक्नोलॉजी से काम की क्षमता में वृद्धि होती है और मानवीय त्रुटियों की संभावना कम होती है।

 यह तकनीक बाढ़, सूखे और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है,  ड्रोन टेक्नोलॉजी से कीटनाशकों की खपत कम होती है, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ होता है।

यह तकनीक सब्जी, गेहूं और धान जैसी मुख्य फसलों में भी उपयोगी है, ड्रोन टेक्नोलॉजी के द्वारा खेती में जल संरचना का बेहतर प्रबंधन किया जा सकता है।

 इस तकनीक का उपयोग करने से किसानों की मेहनत और समय बचत होती है, ड्रोन टेक्नोलॉजी की सफलता से आने वाले समय में खेतीबाड़ी का स्वरूप बदल जाएगा।

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