जुलाई माह में खेती करें ये 3 दालें, लंबे समय तक कमाई का सुनहरा मौका 

जुलाई में मूंग दाल की खेती की जा सकती है जो किसानों के लिए लाभदायक होती है, मूंग दाल की खेती के लिए बरसाती मौसम उपयुक्त होता है क्योंकि इसे तैयार करने में कम समय लगता है।

मूंग दाल की खेती से लगभग 3-4 महीने में बेहतर क्वालिटी की दाल प्राप्त होती है, जुलाई महीने में उड़द दाल की खेती भी की जा सकती है

उड़द दाल की बुवाई जून के आखिरी व जुलाई के पहले हफ्ते में की जाती है, उड़द दाल के उत्पादन के लिए अच्छी तरह से पानी देना आवश्यक होता है।

उड़द दाल की खेती भारी बारिश वाले क्षेत्रों में भी उगाई जा सकती है, जुलाई माह से ही अरहर दाल की खेती शुरू की जाती है और तैयार होने में लगभग 100-120 दिन का समय लगता है।

अरहर दाल की खेती के लिए पानी की सुचारू आपूर्ति और अच्छी ड्रेनेज क्षमता वाली मिट्टी अनिवार्य होती है, बुवाई के बाद खेत में नियमित रूप से पानी देने से उत्पादन बढ़ता है।

अरहर दाल की खेती के लिए 20-35 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त होता है, भारत में एक एकड़ में आमतौर पर 6-8 क्विंटल अरहर दाल की उत्पादन मिल सकता है।

अरहर दाल का एमएसपी 7000 रुपये प्रति क्विंटल है, अरहर दाल की खेती उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और बिहार में अधिकतर किया जाता है।

मूंग दाल और उड़द दाल भारतीय खाद्य पदार्थों में व्यापक रूप से प्रयोग होने वाली दाल हैं, उड़द दाल के लिए 25-35 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सही होता है।

उड़द दाल का उत्पादन लगभग सात क्विंटल प्रति एकड़ हो सकता है, भारत में मूंग दाल और उड़द दाल की खेती राज्यों में अधिकतर की जाती है, जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, और पंजाब।

मूंग दाल और उड़द दाल की खेती में बेहतर उत्पादन के लिए समय पर और उचित चरणों का पालन करना महत्वपूर्ण होता है, मूंग दाल और उड़द दाल की खेती किसानों के लिए मानदंडों के अनुसार लाभदायक हो सकती है, और यह खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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