कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्य के कई जिलों में बिना मौसम आंधी बारिश और ओला पड़ने से किसानों की गेहूं, चना, सरसों एवं अन्य रबी फसलों को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है। बारिश एवं ओलवृष्टि से नुकसानी का सर्वे एवं मुआवजा
7 दिनों के अंदर गिरदावरी कर रिपोर्ट सौपे
ऐसी स्तिथि में किसानों को हुए इस नुकसान की भरपाई करने के लिए प्रदेश सरकार ने फसल नुकसानी का सर्वे करने के लिए निर्देश दे दिए हैं। राजस्थान एवं मध्य प्रदेश सरकार ने अधिकारियों को 7 दिनों के अंदर ही विशेष गिरदावरी कर रिपोर्ट सौपने को कहा है।
फसल नुकसान की भरपाई की जाएगी
ऐसे किसान जिनकी फसलों का बीमा है, उन किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल नुकसान की भरपाई की जाएगी। वहीं जो फसलें फसल बीमा योजना में शामिल नहीं है, उन्हें R.B.C. 6-4 में राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
राहत राशि देने के लिए दिए यह निर्देश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ओला वृष्टि से नुकसान का सर्वे 7 दिन में पूरा करने और 10 दिन के भीतर राहत राशि बाँटना शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि – फसल क्षति सर्वे का कार्य पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से किया जाये। फसल बीमा योजना का लाभ दिलाने की पूरी कार्यवाही गंभीरता से हो।
किसानों का न हो असुविधा
यही नहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि खरीफ फसल के साथ ही खाद का अग्रिम भंडार सुनिश्चित करें। वहीं किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय में किसी भी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिए। इसका खासा ध्यान रखा जाए।
10 दिनों में मिलेगा मुआवजा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगले 10 दिनों में किसानों को राहत राशि देने का काम शुरू हो जाएगा।
सीएम शिवराज ने देर रात अधिकारियों को जल्द से जल्द सर्वे कर मुआवजा राशि वितरण करने की बात कही है।
7 दिनों के भीतर विशेष गिरदावरी
वहीं राजस्थान के मुख्य सचिव ने जिला कलक्टरों को निर्देश दिये कि नुकसान का आंकलन करने के लिए संबंधित अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से फील्ड में भेजकर आगामी 7 दिनों के भीतर विशेष गिरदावरी एवं इसका जिओ टैग करवा कर रिपोर्ट आपदा प्रबंधन को भिजवाएं ताकि प्रभावित किसानों को शीघ्र राहत प्रदान की जा सके।
साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि गिरदावरी की सूचना स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अवश्य हो। उन्होंने कहा कि फसल बीमा कम्पनी से आपसी सहयोग एवं समन्वय से सर्वे करते हुए बीमित किसानों द्वारा दी गई खराबे की सूचना की पुष्टि कर तुरंत राहत पहुँचाई जाए।
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