मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया के पैतृक गांव में खाद की किल्लत से परेशान किसानों ने मजबूरी में सहकारी भंडार से डीएपी की 49 बोरियां चुरा लीं। जानिए पूरा मामला।
मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में खाद की कमी का भारी संकट (Fertilizer Shortage) खड़ा हो गया है। रबी फसलों की बुआई का समय आ गया है और किसानों के पास खाद नहीं है।
हालांकि ये पहली बार नहीं है जब बुआई से पहले खाद अचानक मार्केट से गायब हो गई हो। सीजन के वक्त पर खाद की कालाबाजारी की शिकायत कोई नई बात नहीं है,
लेकिन हैरानी इस बात से है कि किसानों की हितैषी सरकारें आखिर इस बुनियादी समस्या का हल क्यों नहीं खोजतीं? ताजा मामला भिंड जिले का है जहां किसानों ने मजबूरी में खाद भंडार से खाद चोरी कर लिया।
जिस ज्ञानपुरा गांव के किसानों पर खाद चोरी करने का आरोप है, वह गांव प्रदेश के सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया का पैतृक गांव है।
मामले ने तूल पकड़ा तो स्थानीय नेताओं ने किसानों और अफसरों में सुलह करवाकर मामले को रफा-दफा किया। लेकिन अगर आने वाले दिनों में हालात नहीं सुधरे तो अराजक घटनाओं में इजाफा हो सकता है।
मामला कहां का है
भिंड में रबी की फसल (Rabi Crop) की बोवनी के लिए खाद का भारी संकट है। हालात इस कदर खराब हैं कि किसान मजबूरी में सहकारी भंडारों से खाद की चोरी भी करने लगे हैं।
मामला फूप थाना क्षेत्र के सराय ग्राम पंचायत का है। इस ग्राम पंचायत के सहकारी भंडार में डीएपी (DAP) खाद की बोरियां रखी हुई थी। जिले में किसानों को सहकारी भंडारों पर खाद नहीं मिल रहा है।
इसलिए पास के गांव ज्ञानपुरा के कुछ किसानों ने बीती रात डीएपी खाद की 49 बोरी चुरा लीं।
मामला जब सहकारी विभाग के समिति के संज्ञान में आया तो उन्होंने फूप थाना पहुंचकर इस बात की लिखित शिकायत की। शिकायत के बाद पुलिस हरकत में आई और कार्रवाई करने गई तो स्थानीय नेताओं की दखल के बाद 3 बोरियों को छोड़कर शेष 46 बोरियां सहकारी विभाग को वापस करवा दी गईं।
न डीएपी मिल रहा न यूरिया
भिंड के एक सहकारी भंडार के पास खाद के लिए लगी महिला किसानों की भीड़।
मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में खाद की कमी का भारी संकट (Fertilizer Shortage) खड़ा हो गया है। रबी फसलों की बुआई का समय आ गया है और किसानों के पास खाद नहीं है। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब बुआई से पहले खाद अचानक मार्केट से गायब हो गई हो।
सीजन के वक्त पर खाद की कालाबाजारी की शिकायत कोई नई बात नहीं है, लेकिन हैरानी इस बात से है कि किसानों की हितैषी सरकारें आखिर इस बुनियादी समस्या का हल क्यों नहीं खोजतीं? ताजा मामला भिंड जिले का है जहां किसानों ने मजबूरी में खाद भंडार से खाद चोरी कर लिया।
जिस ज्ञानपुरा गांव के किसानों पर खाद चोरी करने का आरोप है, वह गांव प्रदेश के सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया का पैतृक गांव है। मामले ने तूल पकड़ा तो स्थानीय नेताओं ने किसानों और अफसरों में सुलह करवाकर मामले को रफा-दफा किया।
लेकिन अगर आने वाले दिनों में हालात नहीं सुधरे तो अराजक घटनाओं में इजाफा हो सकता है।
किसानों ने किया हाइवे जाम
जिले में खाद का अभाव इतना ज्यादा है कि अब रोजाना सहकारी भंडारों पर महिला और पुरुष किसानों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। खाद की बोवनी सिर पर है और किसानों को डीएपी और यूरिया (Urea) नसीब नहीं हो रहा।
आरोप कालाबाजारी के भी लग रहे हैं। साथ ही जिला प्रशासन भी इसे लेकर उदासीन बना हुआ है। शनिवार को इसी मामले में हाईवे पर किसानों ने चक्का जाम भी किया था।
जिसे प्रशासन के आश्वासन के बाद खुलवाया गया। अगले दिन भी खाद नहीं मिलने पर किसान परेशान हो रहे हैं।
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