मिर्च की खेती कैसे करें, मिर्च की उन्नत किस्म की जानकारी

मिर्च एक गर्म मौसम का मसाला है, इसमें विटामिन ए व सी पाया जाता है, इसका उपयोग ताजे, सूखे एवं पाउडर-तीनों रूप में किया जाता है। इस पोस्ट मे हम जानेंगे की मिर्च की खेती कैसे करें और मिर्च की उन्नत किस्म कोन – कोन सी है :-

बुआई का समय

जायद में मिर्च की खेती

बुआई का समय – 1 फ़रवरी से 31 मार्च के बीच

फसल अवधि – 60 से 70 दिन

खरीफ में मिर्च की खेती

बुआई का समय – 1 जून से 31 जुलाई के बीच

फसल अवधि – 60 से 70 दिन

रबी में मिर्च की खेती

बुआई का समय – 1 सितंबर से 30 नवंबर के बीच

फसल अवधि – 60 से 70 दिन

तापमान , मिट्टी की तैयारी व खेत की जुताई

मिर्च की खेती के लिये आर्द्र उष्ण जलवायु उपयुक्त होती है। फल परिपक्वता अवस्था में शुष्क जलवायु आवश्यक होती है। ग्रीष्म ऋतु में अधिक तापमान से फल व फूल झड़ते हैं रात्रि तापमान 16 से 21 डिग्री सेल्सियम फल बनने के लिये उपयुक्त है।

  • मिर्च की खेती के लिये 15-35 डिग्री सेल्सियस तापमान तथा गर्म आर्द जलवायु की आवश्यकता होती है। मिर्च की खेती सभी प्रकार की भूमियों में की जा सकती है
  • परंतु अच्छे जल निकास वाली एवं कार्बनिक पदार्थो से युक्त बलुई दोमट , मध्यम काली दोमट मिट्टी जिसका पीएच मान 6.5 से 7.5 हो मिर्च की खेती के लिये सबसे उपयुक्त है।
  • ऐसी मृदायें जिनमे जल निकास की समुचित व्यवस्था नहीं होती, मिर्च की खेती के लिये अनुपयुक्त होती हैं। मिर्च की खेती के लिए ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई कर खेत को 2 माह तक धूप में छोड़ देवें।
  • रोपाई के पूर्व 2-3 बार बखर चलाकर खेत की जुताई करें। खेत में पानी भरने से मिर्च की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, अत : अधिक उत्पादन के लिये खेत में जल निकास की व्यवस्था करें।
  • आधार खाद खेत में डालना संकरा मिर्च की अच्छी उपज के लिए खाद एवं उर्वरकों का उपयोग मृदा परीक्षण के आधार पर करें।
  • सामन्यतः मिर्च की रोपाई से पूर्व 100 क्विंटल गोबर की पूर्णतः पकी हुयी खाद + 2 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा विरडी प्रति एकर मिट्टी में मिलाएं।
  • खेत की अंतिम जुताई के समय 2 क्विंटल नीम खली प्रति एकर की दर से मृदा में मिलाएं। साथ ही 150 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट , 25 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश एवं 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट प्रति एकर मिर्च की पौध की रोपाई के पूर्व मिट्टी में मिलाएँ।
  • मेड़ ( Ridge ) बनाना : मिर्च की रोपाई के लिए 2 फीट चौड़ी एवं 1.5 डेढ़ फीट ऊंची मेड़ 4 फ़ीट के अंतराल पर तैयार करें।

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मिर्च की खेती मे नर्सरी प्रबंधन

प्रो – ट्रे में पौध तैयार करने की विधि :-

  • पौध को 40-50 मेश की कीट अवरोधी नायलान जाली युक्त नेट हाउस के अन्दर तैयार किया जाता हैं।
  • सबसे पहले प्रो ट्रे को कोकोपीट से भर दें ।
  • इसके बाद ट्रे के कोश के बीच मे 0.5 सेमी गहरा छिद्र बनाकर एक बीज एक छिद्र में बोयें इसके बाद ट्रे में ऊपर से और कोकोपीट डालकर बीजों को ढंक देवें।
  • मिर्च के बीज को बुवाई के पूर्व मेटालेक्सिल- एम 31.8 % ईएस 2 मिली प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें।
  • इसके उपरान्त इमिडाक्लोप्रिड 70 % डब्ल्यूएस 4-6 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीजोपचार करें।
  • बुआई के पश्चात् ट्रेज को 4 दिनों ( अंकुरण होने से पूर्व ) तक पालीथीन से ढक देते हैं , इससे अंकुरण अधिक एवं जल्दी होता है।
  • 5 वें दिन ट्रेज से पोलीथीन शीट को हटाकर ट्रेज को नेट हाउस में एक एक करके अलग अलग रख देते हैं। इसके बाद ट्रेज में सिंचाई करें।
  • प्लग- ट्रे में लगी नर्सरी पौध पर पानी इस तरीके से डालें जिससे प्रत्येक सेल्स ( पौधे ) में हमेशा पर्याप्त नमी बनी रहे।
  • सिंचाई फुहार के माध्यम से सुबह के समय डालें।
  • एहतियात के तौर पर बीज जमाव के लगभग एक सप्ताह बाद मेनकोज़ेब 75 % डब्ल्यूपी 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर पौध की जड़ों में ट्रेंचिंग करने से नर्सरी में फफूंद जनित रोग जैसे आर्दगलन ( डैम्पिंग आफ ) के प्रकोप से बचा जा सकता है।
  • बीज बुआई के 15 दिन बाद इमिडाक्लोप्रीड 17.8 % एसएल 0.25 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर छिडकाव करें।
  • बुआई के 18 दिन बाद पौध पोषण हेतु पौध की जड़ों में एनपीके ( 19:19:19 ) 5 ग्राम / लीटर पानी में घोलकर ट्रेंचिंग करें।

मिर्च की उन्नत किस्में – Varieties of Chilli

  • Shriram Jalva – अवधि 60 से 65 दिन गुण इस किस्म की पहली तुड़ाई 60 से 65 दिन पर शुरू हो जाती है । इसके फल की लम्बाई 13 से 15 सेमी होती है । यह लाल रंग की तीखी मिर्च है।
  • Shriram Achari – अवधि 60 से 65 दिन इस किस्म की पहली तुड़ाई 60 से 65 दिन पर शुरू हो जाती है । इसके फल की लम्बाई 15 से 18 सेमी और मोटाई 1.5 से 1.8 सेमी होती है । यह गहरे हरे रंग की अचारी मिर्च है।
  • Sungro Hybrid S415 – अवधि 60 से 65 दिन इस किस्म की पहली तुड़ाई 60 से 65 दिन पर शुरू हो जाती है । इसके फल की लम्बाई 12 से 13 सेमी और मोटाई 1.3 सेमी होती है ।
  • Syngenta HPH 1048 – अवधि 65 से 70 दिन इस किस्म की पहली तुड़ाई 65 से 70 दिन पर शुरू हो जाती है । इसके फल की लम्बाई 12 से 13 सेमी और मोटाई 1.3 से 1.4 सेमी होती है।
  • मिर्च की प्राइवेट कम्पनियो की संकर किस्में –
    1. अवधि माही 453 ,
    2. माही 456 ,
    3. नवतेज ( महिको ) ,
    4. सोनल ( हायवेज सीड्स कम्पनी ) ,
    5. एचपीएच -12 ,
    6. एचपीएच -1900 ( सिंजेंटा ) ,
    7. 2680 ( नूनहेम्स )
  • मिर्च की संकर किस्में – काशी अर्ली , काशी सुर्ख , अर्का मेघना , अर्का स्वेता , अर्का हरिता का चयन करें ।

बीज की मात्रा – मिर्च की खेती

मिर्च की 1 एकड़ फसल तैयार करने के लिए 100 से 120 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

बीज उपचार

हाइब्रिड बीज पहले से उपचारित आते है इनकी सीधी बुवाई की जा सकती है । अगर घर पर तैयार किया हुआ या देसी बीज की बुवाई करते है तो इसे कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम + थिरम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित कर ले।

फसल को रस चूसक कीटों से बचाव के लिए रोपाई के पूर्व पौध को इमिडाक्लोप्रीड 17.8 % एसएल 7 मिली प्रति लीटर पानी के घोल में 20 मिनट तक पौध की जड़ों को डुबाने के बाद खेत में रोपाई करें।

बुआई का तरीका

नर्सरी में बीज की बुआई के 30 से 35 दिन बाद पौधे रोपने लायक हो जाते हैं । संकर किस्मों के लिए कतार से कतार की दूरी 120 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 30 से 40 सेंटीमीटर रखें ।

रोपाई शाम के समय करें और रोपाई के तुरंत बाद सिंचाई कर दें । साथ ही मिर्च के खेत के चारों ओर मक्का की 3-4 कतारें लगावें ।


उर्वरक व खाद प्रबंधन – मिर्च की खेती

बुवाई के समय

संकरा मिर्च की अच्छी उपज के लिए खाद एवं उर्वरकों का उपयोग मृदा परीक्षण के आधार पर करें। सामन्यतः मिर्च की रोपाई से पूर्व 100 क्विंटल गोबर की पूर्णतः पकी हुयी खाद +2 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा विरडी प्रति एकर मिट्टी में मिलाएं ।

खेत की अंतिम जुताई के समय 2 क्विंटल नीम खली प्रति एकर की दर से मृदा में मिलाएं। साथ ही 150 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट , 25 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश एवं 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट प्रति एकर मिर्च की पौध की रोपाई के पूर्व मिट्टी में मिलाएँ ।

बुवाई के 20 से 25 दिन बाद फसल रोपाई के 20 दिन बाद 10 ग्राम NPK 20:20:20 को 1 लीटर पानी के हिसाब से घोलकर पोधो पर स्प्रे करे ।

बुवाई के 30 से 35 दिन बाद फसल रोपाई 30 से 35 दिन बाद 1 एकड़ खेत में 25 किलोग्राम यूरिया , 5 किलोग्राम जायम का इस्तेमाल करे ।

बुवाई के 40 से 45 दिन बाद फसल रोपाई के 40 से 45 दिन बाद 10 ग्राम NPK 0:52:34 और 5 मिली धनजायम गोल्ड , 2 से 3 ग्राम बोरोन को 1 लीटर पानी के हिसाब से घोलकर स्प्रे करे ।

बुवाई के 60 से 70 दिन बाद फसल की पहली तुड़ाई के बाद 1 एकड़ खेत में 25 किलोग्राम ( Calcium Nitrate ) कैल्शियम नाइट्रेट को पौधे के जड़ के पास साम के समय इस्तेमाल करे ।


सिंचाई

मिर्च की फसल में पहली सिचाई पोध रोपाई समय करे । इसके बाद मिट्टी में नमी के आधार पर सर्दियों में 6-7 दिनों के अंतराल पर और गर्मियों में 4-5 दिनों के अंतराल पर फसल की सिंचाई करें । मिर्च की फसल में फल और फूल बनने की अवस्था पर सिचाई समय से करे ।

फसल की कटाई

मिर्च की तुड़ाई किस्मो के आधार पर 60 से 65 दिन पर जाती है ।


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