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लंपी संक्रमित गायों के दूध के सेवन से क्या होगा ?

लंपी संक्रमित गायों के दूध का सेवन इंसानों को करना चाहिए या नहीं, इसे लेकर भी लोगों के मन में शंका है। दुधारू पशुओं में लंपी स्किन वायरस फैलने की वजह से कई राज्यों में दूध का कारोबार प्रभावित हुआ है।

पंजाब, मध्य प्रदेश और राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में जिन परिवारों की आमदनी गाय-भैंसों पर आश्रित है, उनके सामने जीवन यापन का संकट भी है।

लंपी स्किन वायरस से भारी तबाही

उत्तर भारत के आधा दर्जन से ज्यादा राज्यों में लंपी स्किन वायरस ने भारी तबाही मचाई है, देशभर में अब तक करीब 70 हजार गायें इस वायरस की चपेट में आकर दम तोड़ चुकी हैं।

एक तरफ जहां राजस्थान में गायों को दफनाने के लिए जमीन तक नहीं बची तो वहीं, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी स्थिति काफी खराब हुई है।

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ग्रामीण इलाकों में दूध का कारोबार प्रभावित

लंपी वायरस के चलते पशुपालक दहशत में हैं, गायों का इलाज कराने में बचत चली जा रही है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में दूध का कारोबार प्रभावित हुआ है।

आमदनी के लिए गायों पर आश्रित लोगों के सामने जीवनयापन तक का संकट आया है। फिलहाल, टीकाकरण की प्रकिया शुरू हो चुकी है।

पशुपालक जल्द ही इस वायरस पर लगाम लगने की उम्मीद कर रहे हैं।

लंपी वायरस से जुड़ी 10 जरूरी बातें

लंपी वायरस (Lumpy Virus)से संक्रमित गायों का दूध कितना संक्रामक, कुछ लोगों के मन में ये सवाल कहीं ना कहीं घर किए हुए है। 

लखनऊ मंडल के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और विशेषज्ञ अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि इस वायरस का असर दूध में जरूर दिखाई देता है, हालांकि, इसे पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है।

दूध को उपयोग से पहले अच्छी तरह उबालें

अरविंद कुमार वर्मा के मुताबिक, लंपी वायरस से पीड़ित गायों का दूध इस्तेमाल करने से पहले अच्छी तरह जरूर उबालें।

ऐसा करने से वायरस पूरी तरीके से नष्ट हो जाता है, इंसान के लिए इसमें कोई भी हानिकारक तत्व नहीं बचते और कोई भी नुकसान नहीं होता है।

गायों के बच्चों को दूर रखे

गायों के बच्चों को दूर रखना चाहिए, संक्रमित गाय के दूध के सेवन से  बछड़ा या बछिया भी इस बीमारी का शिकार हो सकती है।

ज्यादातर पशु चिकित्सक ने पशुपालकों को संक्रमित गायों और उनके बच्चों को अलग रखने की सलाह दी है, ऐसा करने से दोनों की जान की रक्षा की जा सकती है।

सतर्कता बरतने के निर्देश रिसर्च जारी

अभी तक लंपी स्किन डिजीज से ग्रस्त पशुओं से इंसानों में बीमारी फैलने का कोई मामला सामने नहीं आया है।

हां, संक्रमित गायों के दूध के सेवन के लिए जरूर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं, फिलहाल, इस वायरस पर वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च जारी है।

lumpy-virus
  • लम्पी स्किन डिज़ीज़ में गायों के शरीर पर गांठें बनने लगती हैं।
  • यह उनके सिर, गर्दन, और जननांगों के आसपास ज्यादा दिखाई देती है।
  • ये गांठे आगे चलकर घाव बन जाते हैं।
  • LSD वायरस मच्छरों और मक्खियों जैसे खून चूसने वाले कीड़ों से आसानी से फैलता है।
  • ये दूषित पानी, लार और चारे के माध्यम से भी फैलता है।
  • पशुओं को रखने वाली जगहों को साफ रखें।
  • उनके चारे और पानी की व्यवस्था भी अन्य मवेशियों से अलग रखें।
  • इससे लंपी के प्रसार को रोका जा सकता है।

लंपी स्किन वायरस (Lumpy Skin Virus) का सबसे ज्यादा असर दूध के कारोबार पर पड़ा है, राजस्थान में दूध संग्रह में प्रति दिन 3 से 4 लाख लीटर की कमी होने का अनुमान है।

पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में भी ठीक इसी प्रकार की स्थिति रहने का अनुमान लगाया गया है।

दूध के उत्पादन पर इसका अधिक असर

2019 में भी भारत में लंपी वायरस का कहर देखने को मिला था, इस साल गुजरात से लंपी वायरस का प्रकोप फिर फैल गया।

अब तक कई राज्यों में लंपी वायरस फैल चुका है, मवेशियों के वायरस से संक्रमित होने से दूध के उत्पादन पर इसका खासा असर पड़ता है क्योंकि वायरस से संक्रमित मवेशी के दूध देने की क्षमता कम हो जाती है।

अगर कोई गाय या भैंस में वायरस के लक्षण दिखते हैं तो उसे तुरंत आइसोलेट कर देना चाहिए, ताकि दूसरे मवेशियों तक संक्रमण न फैले।

गोटपॉक्स वैक्सीन लगवाने की सलाह

पशुपालकों को अपनी गायों को गोटपॉक्स वैक्सीन (lumpy virus vaccine) लगवाने की सलाह दी गई, पहले यह वैक्सीन बकरियों में ऐसे ही लक्षण के दिखने पर लगाया जाता था।

इसका असर भी दिख रहा है, पशुपालकों तक देसी वैक्सीन पहुंचने से पहले गायों को लंपी से रिकवर करने में इससे काफी मदद मिल रही है।

लंपी वायरस कंट्रोल करने के लिए सरकार के प्रयास

केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर लंपी वायरस को कंट्रोल करने के लिए प्रयास कर रही है, साथ ही, उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि….

वैज्ञानिकों ने लंपी वायरस बीमारी के लिए देसी टीका भी बना लिया है, फिलहाल इस टीके को मार्केट में उतरने में वक्त लगेगा।

योगी सरकार का मास्टर प्लान

योगी सरकार ने पीलीभीत से इटावा तक लगभग तीन सौ किलोमीटर लंबी इम्यून बेल्ट के जरिए लंपी वायरस को घेरने का मास्टर प्लान तैयार किया है।  

पशुपालन विभाग की ओर से इम्यून बेल्ट की निगरानी के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

टास्क फोर्स लंपी वायरस से संक्रमित पशुओं की ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट का जिम्मा संभालेगी। संक्रमित पशुओं को कड़ी निगरानी में रखने के साथ ही इन्हें इम्यून बेल्ट के भीतर ही रोकने की व्यवस्था होगी।

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