जानिए उच्च गुणवत्ता जीवामृत बनाने की विधि

जानिए उच्च गुणवत्ता जीवामृत बनाने की विधि 

बार-बार प्रयोग करने के पश्चात् परिणाम निकला कि – 1 एकड़ जमीन के लिए 10 किलोग्राम गोबर के साथ गोमूत्र, गुड़ और दो – दले बीजों का आटा या बेसन आदि मिलाकर प्रयोग में लाने से चमत्कारी परिणाम निकलते हैं।

इन सब प्रयोग को करने के बाद आखिरकार एक फॉर्मूला तैयार किया गया जिसका नाम जीवामृत (जीव अमृत) रखा गया । इस जीवामृत विधि से पूरे भारत में लाखों किसान लाभान्वित हुए हैं, आइये इसके बारे मे ओर अधिक जानते है –

इन्हे भी पढे – गेहूं की इस किस्म से 75 क्विंटल प्रति हैक्टेयर का उत्पादन

जीवामृत बनाने के लिए की सामग्री (आचार्य देवव्रत जीवामृत)

  1. देशी गाय का गोबर 10 किलोग्राम
  2. देशी गाय का मूत्र 8 -10 लीटर
  3. गुड़ 1 – 2 किलोग्राम
  4. बेसन 1-2 किलोग्राम
  5. पानी 180 लीटर
  6. पेड़ के नीचे की मिट्टी 1 किलोग्राम
Jeevamrit-bnane-ki-vidhi

जीवामृत बनाने की विधि 

  • ऊपर बताई गयी सामग्रियों को प्लास्टिक के एक ड्रम में डालकर लकड़ी के एक डंडे से घोलना है।
  • इस घोल को दो से तीन दिन तक सडऩे के लिए छाया में रख देना है।
  • प्रतिदिन दो बार सुबह-शाम घड़ी की सुई की दिशा में लकड़ी के डंडे से दो मिनट तक इसे घोलना है।
  • अब जीवामृत को बोरे से ढक देना है।
  • इसके सडऩे से अमोनिया, कार्बन डाईआक्साइड, मीथेन जैसी हानिकारक गैसों का निर्माण होता है।

इस बात का ध्यान अवश्य रखे

गर्मी के महीने में जीवामृत बनने के बाद 7 दिन तक उपयोग में लाना है, और सर्दी के महीने में 8 से 15 दिन तक उसका उपयोग कर सकते हैं, उसके बाद बचा हुआ जीवामृत भूमि पर फेंक देना है।

jeevamrut kaise bnaye

जीवामृत पर एक वैज्ञानिक द्वारा शोध

दिसम्बर महीने में गुरुकुल में तैयार किए गए जीवामृत पर एक वैज्ञानिक द्वारा शोध किया गया जिसमें जीवामृत तैयार करने से 14 दिन बाद सबसे अधिक 7400 करोड़ जीवाणु (बैक्टीरिया) पाए गए । इसके बाद इसकी संख्या घटनी शुरु हो गई । गुड़ और बेसन दोनों ने ही जीवाणुओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।

गोबर, गोमूत्र व मिट्टी के मेल से जीवाणुओं की संख्या केवल तीन लाख पाई गई । जब इनमें बेसन मिलाया गया तो इनकी संख्या बढ़कर 25 करोड़ हो गई और जब इन तीनों में बेसन की जगह गुड़ मिलाया गया तो इनकी संख्या 220 करोड़ हो गई, लेकिन जब गुड़ व बेसन दोनों ही मिलाया गया अर्थात् जीवामृत के सारे घटक (गोबर, गोमूत्र, गुड़, बेसन व मिट्टी) मिला दिए गए तो आश्चर्यजनक परिणाम सामने आए और जीवाणुओं की संख्या बढ़कर 7400 करोड़ हो गई ।

यही जीवामृत जब सिंचाई के साथ खेत में डाला जाता है, तो भूमि में जीवाणुओं की संख्या अविश्वसनीय रूप से बढ़ जाती है, और भूमि के भौतिक, रासायनिक व जैविक गुणों में वृद्धि होती है ।

join-our-whtsapp-group-mkisan

इन्हे भी पढे – 1 हेक्टेयर में इस पेड़ की खेती कर कमाएं 5 लाख से ज्यादा


"हम एक टीम हैं, जो आपके लिए अलग-अलग स्रोतों से मंडी भाव और कृषि समाचार एकत्रित कर आप सभी किसान भाइयों तक पहुँचाती है...."

Leave a Comment

Home Google News Mandi Bhav Join Group Web Stories