सरकार के द्वारा किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए एक योजना चलाई गई है, जिसका नाम है, जैविक खेती प्रोत्साहन योजना इस योजना के माध्यम से देश के किसानों को जैविक खेती करने की ओर प्रोत्साहित किया जा रहा है।
आइए पहले हम जैविक खेती के बारे में थोड़ी सी जानकारी जान लेने है, उसके बाद योजना की जनकरी दी गयी है….
जैविक खेती क्या है ?
खेती करने के इस तरीके में रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया जाता है, तथा उनकी जगह जैविक खादों व जैविक कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है, इससे फसल व अनाज अच्छी गुणवत्ता का पैदा होता है।
जैविक खेती फसल उगाने की वह तकनीक है, जिसमें रसायनिक उर्वरक की जगह जैविक खाद, हरी खाद, गोबर खाद, गैस खाद, केंचुआ खाद का प्रयोग किया जाता है।
विगत कुछ वर्षों से भारत में खेती की नई तकनीक अपनाई जा रही है, जिसे जैविक खेती कहते हैं। इसमें अनाज उत्पादन में कम लागत पर अनाज ज्यादा उत्पादित होता है।
जैविक खेती करने का मुख्य उद्देश्य
- जैविक खेती करने का मुख्य उद्देश्य मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के साथ साथ फसलों का उत्पादन बढ़ाने से है।
- इस खेती के माध्यम से वातावरण को भी प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है।
- मिट्टी की गुणवत्ता को कायम रखना और प्राकृतिक संसाधनों को बचाए रखनाहै।
- मनुष्य के स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियों को दूर रख सकते हैं।
- इस खेती का मुख्य उद्देश्य लागत को कम करना तथा उत्पादन को बढ़ाना है।
जैविक खेती करना क्यों आवश्यक है ?
आजकल जो खेती की जा रही है, उसमें कई सारे कीटनाशकों का तथा रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है, जिससे कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति नष्ट कर दी गई है।
इससे फसलें तो अच्छी हो जाती है, परंतु खेतों की मिट्टी प्रदूषित होती जा रही है, साथ ही साथ इससे घातक बीमारियां भी जन्म ले रही है, जिससे कि मनुष्य की जान को खतरा बढ़ता जा रहा है।
इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य की सरकार द्वारा जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहे और फसलें भी अच्छी पैदा हो।
आइए जानते हैं, अब इस योजना के बारे में क्या है…..
जैविक खेती प्रोत्साहन योजना क्या है ?
इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा जैविक खेती को करने पर बल दिया जा रहा है, तथा जैविक खेती के लिए सब्सिडी दिए जाने का भी प्रावधान किया गया है।
कृषि एवं किसान विकास मंत्रालय के द्वारा इस योजना का शुभारंभ किया गया है, जिसमें किसानों को अलग-अलग तरह से जैविक खेती कैसे करनी है, इसके क्या क्या लाभ है, यह सभी जानकारी दी जाती है, और अधिक से अधिक किसानो को जैविक खेती के लाभ बताकर उन्हे प्रोत्साहित किया जाता है।
भारत में किसानों को जैविक खेती की तरफ प्रेरित करनें शुरुआत सरकार द्वारा वर्ष 2004-05 में की गयी थी और इसी वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर एनपीओएफ परियोजना की शुरुआत की गयी |
जैविक खेती मे मध्य प्रदेश पहले स्थान पर
कृषि विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना के शुरू होनें से पहले भारत में आर्गेनिक खेती सिर्फ 75 हजार हेक्टेयर में की जा रही थी, जो वर्ष 2009-10 में बढ़कर 10,85,648 हेक्टेयर हो गई|
केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इस समय लगभग 27.77 लाख हेक्टेयर में जैविक कृषि की जा रही है, और इस मामले में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर है |
जैविक खेती को प्रोत्साहन दिया
मध्य प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, कर्नाटक, ओडिशा, महाराष्ट्र, असम, उत्तर प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्यो मे जैविक खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान के किसानों को जैविक खेती करने के लिए 1 लाख तक के पुरस्कार राशि देने की घोषणा की गई।
इस योजना के अंतर्गत राजस्थान में रहने वाले किसानों की जैविक खेती करते हैं, इस योजना में आवेदन कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
बिहार सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत हर एक किसान को प्रति एकड़ 11500 रुपये का अनुदान किया जाएगा।
इससे जुड़ी हुई जानकारी आप बिहार सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर ले सकते हैं।
जैविक खेती करने के फायदे
- जैविक खेती से भूमि की उर्वरा क्षमता बनी रहती है।
- जैविक खादों का प्रयोग करने से मिट्टी की उर्वरा क्षमता की गुणवत्ता में सुधार होता रहता है।
- जैविक खादों के प्रयोग से वातावरण प्रदूषण रहित रहता है।
- जैविक खेती करने से अनेक बीमारियों से इंसान व पशु पक्षियों का बचाव होता है।
- इस खेती से फसलों की अच्छी पैदावार होती है।
- जैविक खेती के द्वारा उगाया गया अनाज उच्च गुणवत्ता का होता है, जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा होता है।
- जैविक खेती से उगाया गया आनाज भी अच्छी गुणवत्ता होने के कारण अच्छे मूल्यों में बिकता है, जिससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होती है।
- जैविक खेती एक प्रकार से कम लागत और अधिक उत्पादन में सहायक होती है।
आर्गेनिक कृषि से जुड़ी चुनौतियां
सरकार द्वारा जैविक खेती के लिए लगातार अपील की जा रही है, परन्तु किसानों को इस बात का डर है, कि यदि वह रासायनिक खादों का उपयोग बंद करनें से उत्पादन कम हो जायेगा।
ऐसे में खाद्यान्न की पूरी कैसे होगी, जबकि हमारे देश की वर्तमान समय में जनसँख्या लगभग 130 करोड़ के आस-पास है|
दूसरी चुनौती यह है, कि आर्गेनिक प्रोडक्ट 2 से 3 गुना महंगे होते हैं, ऐसे में इन उत्पादों को गांवों मिलनें की अभी तक कोई उचित व्यवस्था नही है|
हालाँकि सरकार किसानों को जैविक खेती करनें के लिए लगातार प्रेरित कर रही है, और इसके लिए सरकार आर्थिक रूप से सहायता भी कर रही है, परन्तु कुछ राज्यों में किसान फिलहाल इसके लिए तैयार नहीं दिख रहे है|
नहीं बढ़ेंगे मंडियों में प्याज के दाम अगले 3-4 महीनो तक
वर्षा से प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि जारी
Jevik kheti karni hai mujhe