कपास की खेती: इस तकनीक से बढ़ाएं अपनी कमाई

कपास की खेती (Cotton Cultivation) में एक नई क्रांति की ओर कदम बढ़ रही है, इस बदलते समय में किसानों ने परंपरागत खेती को पीछे छोड़ दिया है और नवाचारिक तरीकों का सामर्थ्य प्राप्त किया है। इस नए दौर में, किसान हाई डेंसिटी प्लांटिंग सिस्टम (एचडीपीएस) का सहारा लेते हैं, जिससे वे अपनी कपास की खेती को बेहतर और लाभकारी बना रहे हैं।

इस तकनीक में पौधों को बड़े डेंसिटी में लगाया जाता है, जिससे उपज में वृद्धि होती है और किसानों को अधिक मुनाफा मिलता है। इस नए और अनुकूल तरीके से कपास की खेती करने से किसान न केवल अधिक उपज बढ़ा रहे हैं, बल्कि उन्हें अच्छी कमाई का भी अवसर मिल रहा है। आज हम आपको इस उन्नत खेती तकनीक के बारे में विस्तार से बताएंगे।

इसे पढे –बकरी पालन फार्म खोलें और पाएं सरकार से 60% तक सब्सिडी

एचडीपीएस क्या है

एचडीपीएस (High-Density Planting System) एक नवाचारिक तकनीक है, जिसका कपास की फसल (Cotton Cultivation) के उत्पादन में उपयोग किया जाता है। इस तकनीक के द्वारा, एक एकड़ भूमि में तीन गुणा ज्यादा कपास की खेती (Cotton Cultivation) की जा सकती है जिससे किसानों को बेहतर उत्पादन हासिल करने का अवसर मिलता है।

पारंपरिक खेती में जब खेती की जाती है, तो खेत की जोताई को 3 से 4 बार करना होता है, लेकिन एचडीपीएस के साथ एक ही बार में काम किया जा सकता है और उत्पादन में वृद्धि होती है। इस तकनीक में, एक एकड़ के खेत में 20 से 25 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं, जबकि पारंपरिक खेती में इस तादाद से कम पौधे होते हैं। यह तकनीक किसानों को अधिक उत्पादन देने के साथ-साथ बेहतर लाभ भी प्रदान करती है।

एचडीपीएस (High-Density Planting System) के फायदे

कपास के उत्पादन में एक बड़ा और उत्कृष्ट कदम है। तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय ने कपास के उत्पादन को बढ़ाने के लिए इस तकनीक का विकास किया है। इस तकनीक के माध्यम से किसान 30% से 50% तक अधिक कपास का उत्पादन कर सकते हैं, जो वाकई बड़ी बात है।

यह तकनीक पारंपरिक तरीकों से बिल्कुल अलग है और तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय (पीजेटीएसएयू) ने बताया है कि इसका सफल प्रयोग कई किसानों के खेतों में किया जा रहा है, जिससे उनके उत्पादन में वृद्धि हो रही है।

एचडीपीएस का इस्तेमाल करने की कुछ चुनौतियां हैं।

इस तकनीक का उपयोग करने के लिए एक एकड़ ज़मीन में अधिक पौधे उगाने के लिए 5 से 6 पैकेट्स की जरूरत होती है, जिससे इसका इस्तेमाल महंगा हो सकता है। इसके अलावा, इस तकनीक को समझने के लिए शिक्षित किसानों की आवश्यकता होती है, और देश के अधिकांश किसान तक इसकी जानकारी नहीं होती, जिसका मतलब है कि इसे उन तक पहुंचाना एक मुश्किल काम हो सकता है। इस चुनौती को पार करने के लिए अधिक प्रयासों की आवश्यकता होती है।

इसे पढे –मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम क्या है ? जानें पूरी डिटेल्स

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: ऋणी किसान, जल्दी करें अपना रजिस्ट्रेशन


"हम एक टीम हैं, जो आपके लिए अलग-अलग स्रोतों से मंडी भाव और कृषि समाचार एकत्रित कर आप सभी किसान भाइयों तक पहुँचाती है...."

Leave a Comment

Home Google News Mandi Bhav Join Group Web Stories