जबलपुर में बनेगा पहला ऐसा सेंटर, जानवरों को आर्टिफिशियल पैर लगाने के लिए 2 करोड़ 17 लाख रुपये स्वीकृत
इंसानों की तरह अब जानवरों को भी कृत्रिम पैर लगाए जाएंगे. इसकी शुरुआत मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) ने शुरू कर दी है।
जबलपुर के नानाजी देशमुख वैटनरी विश्वविद्यालय में जानवरों को आर्टिफिशियल पैर लगाने के लिए मंडी विपणन ने 2 करोड़ 17 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं।
बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के जबलपुर में देश का पहला ऐसा सेंटर बन रहा है, जहां जानवरों के लिए कृत्रिम पैर बनाए जाएंगे. इसे जानवरों के कल्याण के लिए अच्छा कदम माना जा रहा है।
नानाजी देशमुख वैटनरी विश्वविद्यालय में कार्यरत डॉ. शोभा जावरे ने बताया कि जानवरों के लिए कृत्रिम पैर (Artificial leg for Animals) बनाने को लेकर 2016-17 से विचार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि 3-4 साल पहले एक बछिया (गाय का बच्चा) के पैर में ट्यूमर हो गया था, जिसके बाद उसका एक पैर काटा गया. पैर कटने से बछिया को चलने में परेशानी आने लगी, जिसको देखते हुए नानाजी देशमुख विश्विद्यालय के डॉक्टरों ने बछिया को कृत्रिम पैर लगवाने के बारे में सोचा।
यहां से हुई शुरुआत
इसके बाद डॉक्टरों ने राजेश अहिरवार से मुलाकात की जो कि मानव के लिए नकली पैर बनाया करते थे. उन्होंने उस बछिया के लिए कृत्रिम पैर बनाया जो कि काफी हद तक सफल रहा है।
वाइल्ड लाइफ डायरेक्टर डॉ. शोभा जावरे की माने तो वर्तमान में चार गायों (Cow) के कृत्रिम पैर अभी राकेश अहरिवार से बनवाए जा रहे हैं, जिसको तैयार करके जल्द ही उन गाय को लगाया जाएगा, जिनके पैर कट चुके हैं।
जानवरों को मिलेगी राहत
इसके साथ ही नानाजी देशमुख विश्वविद्यालय यह भी कोशिश करेगा कि गाय-बैल के अलावा अन्य छोटे बड़े जानवरो को भी कृत्रिम पैर लगाया जा सके देश में पहला ऐसा सेंटर जबलपुर में होगा, जहां गाय-बैल और अन्य जानवरों के लिए कृत्रिम पैर लगाए जाएंगे।
इसके लिए मंडी विपणन ने नानाजी देशमुख विश्वविद्यालय को 2 करोड़ 17 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं. इस बजट में करीब 75 लाख रुपये में बिल्डिंग बनाई जाएगी।
जब कृत्रिम पैर बनाने का सेंटर बन जाएगा, तो उन जानवरों को राहत मिलेगी, जिनके पैर में कोई न कोई परेशानी है।
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