हमारे देश में आलू की खेती बहुत बड़े पैमाने पर होती है, लेकिन कई बार आलू के पौधों में रोग लगने से फसल पूरी तरह से खराब हो जाती है। ऐसी स्थिति मे किसानों के लिए यह जरूरी है, कि वे इन रोगों और कीटों का समय पर पता लगाएं और उनका सही समाधान करें।
इस पोस्ट में हम आलू की फसल में लगने वाले प्रमुख रोगों और कीटों के बारे में बताएंगे और साथ ही उनके समाधान उपाय भी आपके साथ साझा करेंगे…
1. आलू में सफेद भृंग कीट का इलाज
सफेद भृंग कीट आलू के पौधों के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। ये कीट आलू की जड़ों को चाटकर पौधों को कमजोर बना देते हैं। मादा भृंग मिट्टी में अंडे देती है, और फिर इन अंडों से मटमैले रंग के कीट निकलते हैं, जो फसल को नुकसान पहुँचाते हैं।
सफेद भृंग से बचने के उपाय:
- शाम के समय (7 से 9 बजे) 1 लाइट ट्रैप प्रति हेक्टेयर खेत में लगाएं।
- बुवाई के समय या कुछ दिन बाद 25 किलो कार्बोफ्यूरान 3 जी प्रति हेक्टेयर डालें।
इन उपायों से सफेद भृंग से फसल को बचाया जा सकता है।
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2. अगेती झुलसा रोग और उसका इलाज
अगेती झुलसा रोग के कारण आलू की पत्तियों पर भूरे रंग के धब्बे बन जाते हैं, जो बाद में फैलकर पौधे को पूरी तरह से नुकसान पहुँचा सकते हैं। इस रोग से आलू की फसल का 70% तक नुकसान हो सकता है।
अगेती झुलसा रोग से बचाव के उपाय:
- खेत को साफ-सुथरा रखें, ताकि रोग फैलने की संभावना कम हो।
- 1 लीटर पानी में 2 ग्राम मैंकोजेब 75 प्रतिशत या कार्बेन्डाजिम और मैन्कोजेब का मिश्रण बनाकर फसल पर छिड़काव करें।
इससे झुलसा रोग को रोका जा सकता है और आपकी फसल सुरक्षित रह सकती है।
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3. माहू और थ्रिप्स कीट से बचाव
माहू और थ्रिप्स कीट आलू के पौधों के निचले हिस्से में छिपकर उनका रस चूसते हैं। इससे पौधों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
माहू और थ्रिप्स से बचाव के उपाय:
- रोज अपनी फसल का निरीक्षण करें।
- यदि ये कीट दिखाई दें, तो 1 लीटर पानी में 3 मिली एमीदाक्लोपीईड मिलाकर फसल पर छिड़काव करें।
यह उपाय इन कीटों को मारने में मदद करेगा और आपकी फसल को बचाए रखेगा।
आलू की फसल में रोग और कीटों से बचाव के लिए समय रहते कदम उठाना जरूरी है। इन उपायों का पालन करके आप अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं और अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं। खेती में ध्यान देने से ही अच्छे नतीजे मिलते हैं।
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