गेहूं और आटे के भाव पर सरकार का बड़ा एक्शन! अब नहीं होगी जमाखोरी

आजकल बाजार में जाओ तो हर चीज के दाम आसमान छू रहे हैं। और जब त्योहारों का सीजन आता है, तब तो महंगाई और भी डराने लगती है। इसी बीच हम सबके लिए, खासकर आम आदमी के लिए, एक बड़ी और राहत भरी खबर आई है। खबर जुड़ी है हमारी रोटी से, यानी गेहूं और आटे से।

केंद्र सरकार ने महंगाई पर लगाम कसने के लिए एक बहुत बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने गेहूं की जमाखोरी (hoarding) रोकने के लिए एक नया नियम लागू कर दिया है जो की 31 मार्च 2026 तक चलेगा।

तो चलो भाइयो, एकदम आसान भाषा में समझते हैं कि ये नया नियम क्या है और इससे हमको-आपको क्या फायदा होगा।

तो आखिर क्या है ये नया नियम?

सीधा सा मतलब ये है कि अब कोई भी बड़ा व्यापारी, दुकानदार या कंपनी एक लिमिट से ज्यादा गेहूं अपने गोदामों में भरकर नहीं रख सकता। सरकार ने ये लिमिट पहले से भी कम कर दी है।

ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि कई बार बड़े-बड़े व्यापारी बाजार से सारा गेहूं खरीदकर अपने पास जमा कर लेते हैं। जब बाजार में गेहूं की कमी होती है, तो वो उसे ऊंचे दामों पर बेचते हैं, जिससे आटा और उससे बनी हर चीज महंगी हो जाती है। अब सरकार के इस नियम से इस पर रोक लगेगी।

किसके लिए कितना गेहूं रखने की है इजाजत?

सरकार ने सबके लिए लिमिट अलग-अलग तय की है।

  1. बड़े व्यापारियों के लिए (थोक वाले): जो बड़े व्यापारी पहले अपने गोदामों में 3000 मीट्रिक टन गेहूं रख सकते थे, वो अब सिर्फ 2000 मीट्रिक टन ही रख पाएंगे। मतलब सीधा 1000 टन कम!
  2. छोटे दुकानदारों के लिए (खुदरा वाले): जो हमारे गली-मोहल्ले के छोटे दुकानदार हैं, वो पहले अपनी हर दुकान पर 10 मीट्रिक टन गेहूं रख सकते थे, अब ये लिमिट घटाकर 8 मीट्रिक टन कर दी गई है।
  3. बड़ी कंपनियों के लिए: जो बड़ी-बड़ी कंपनियां गेहूं से आटा, बिस्कुट, ब्रेड वगैरह बनाती हैं, वो पहले अपनी महीने की जरूरत का 70% गेहूं स्टॉक कर सकती थीं। अब वो सिर्फ 60% ही रख पाएंगी।

सरकार कैसे रखेगी इस पर नजर?

अब आप सोच रहे होंगे की कौन कितना गेंहू रख रहा है ये सरकार को पता कैसे चलेगा? तो इसका भी इंतजाम कर लिया गया है।

सरकार ने एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया है। अब हर गेहूं रखने वाले व्यापारी और कंपनी को हर शुक्रवार को इस पोर्टल पर बताना होगा कि उनके पास कितना स्टॉक पड़ा है। अगर कोई इस नियम को तोड़ता है, मतलब लिमिट से ज्यादा गेहूं रखता है या जानकारी छुपाता है, तो उस पर आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत बहुत सक्त कार्रवाई होगी।

जिनके पास अभी ज्यादा माल पड़ा है, उनको सरकार ने 15 दिन का टाइम दिया है कि वो अपना स्टॉक नई लिमिट के अंदर ले आएं।

तो क्या देश में गेहूं की कमी हो जाएगी?

ये सवाल आपके मन में भी आया होगा। तो भाइयो, घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

सरकार ने साफ-साफ कहा है कि देश में गेहूं की कोई कमी नहीं है। इस साल गेहूं की पैदावार बंपर (1175.07 लाख मीट्रिक टन) हुई है। और सरकार ने खुद भी किसानों से 300 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं खरीदा है, जो हमारे राशन कार्ड (PDS) और दूसरी योजनाओं के लिए काफी है।

तो भाइयो, सरकार की ये कोशिश बस इतनी है कि कोई भी गेहूं को दबाकर न बैठे और हम सबको सही दाम पर आटा मिलता रहे। उम्मीद है कि सरकार के इस कदम से आने वाले त्योहारों में हमारी थाली से रोटी महंगी नहीं होगी।

इस बारे में आपकी क्या राय है, हमें कमेंट में जरूर बताएं।

"हम एक टीम हैं, जो आपके लिए अलग-अलग स्रोतों से मंडी भाव और कृषि समाचार एकत्रित कर आप सभी किसान भाइयों तक पहुँचाती है...."

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