नए साल के पहले दिन ही केंद्र सरकार ने किसानों के लिए दो बड़े फैसले लेकर उनकी खेती-किसानी को मजबूती देने का काम किया है। खेती में यूरिया के बाद सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले उर्वरक डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर विशेष सब्सिडी को जारी रखते हुए फसल बीमा योजना को भी विस्तार दिया गया है।
डीएपी की कीमतें नहीं बढ़ेंगी
सरकार के इस फैसले से किसानों को डीएपी पहले की तरह किफायती दरों पर मिलता रहेगा। वर्तमान में किसानों को प्रति बैग (50 किलो) डीएपी 1350 रुपये में उपलब्ध कराया जाता है। अगर यह सब्सिडी जारी नहीं रहती, तो इसकी कीमत 175 रुपये बढ़कर 1525 रुपये प्रति बैग हो जाती।
कैबिनेट बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “यह निर्णय किसानों के हित में लिया गया है ताकि उन्हें खेती के लिए उर्वरक सस्ती दरों पर उपलब्ध हो।”
3850 रुपये प्रति टन सब्सिडी का विस्तार
केंद्र सरकार ने डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर प्रति टन 3850 रुपये की एकमुश्त विशेष सब्सिडी के विस्तार को मंजूरी दी है। यह सब्सिडी अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस निर्णय को किसानों के लिए समर्पित बताते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “नए साल का पहला निर्णय करोड़ों किसान भाइयों और बहनों को समर्पित है।”
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NBS योजना के तहत सब्सिडी
केंद्र सरकार वर्ष 2010 से पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना चला रही है। इसके तहत फास्फेट और पोटाश युक्त (पीएंडके) उर्वरकों पर उर्वरक कंपनियों को अनुदान दिया जाता है।
इन कंपनियों को बाजार के हिसाब से उत्पादन और आयात की स्वतंत्रता होती है। किसानों को 28 ग्रेड वाले पीएंडके उर्वरक अनुदानित दरों पर उपलब्ध कराए जाते हैं।
डीएपी का आयात और महंगाई का खतरा
भारत डीएपी के मामले में लगभग 90 प्रतिशत तक आयात पर निर्भर है। हाल के दिनों में रुपये की गिरावट और डीएपी उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले फॉस्फोरिक एसिड और अमोनिया के दामों में 70 प्रतिशत तक वृद्धि होने के कारण डीएपी के महंगा होने का खतरा बढ़ गया था।
पर अब चिंता की कोई भी बात नहीं है, सरकार ने विशेष पैकेज के तहत डीएपी की रियायती दर पर उपलब्धता सुनिश्चित की है, जिससे किसानों को अतिरिक्त राहत मिलेगी।
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FAQs
- डीएपी की वर्तमान कीमत क्या है?
किसानों को प्रति बैग (50 किलो) डीएपी 1350 रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है। - डीएपी की कीमत क्यों बढ़ सकती थी?
डीएपी उत्पादन में फॉस्फोरिक एसिड और अमोनिया की कीमतों में 70% तक वृद्धि मुख्य कारण हैं। - NBS योजना क्या है?
एनबीएस योजना के तहत केंद्र सरकार उर्वरक कंपनियों को पोषक तत्व आधारित सब्सिडी देती है, जिससे उर्वरक अनुदानित दरों पर किसानों को उपलब्ध होते हैं। - यह विशेष पैकेज कब तक लागू रहेगा?
डीएपी पर 3850 रुपये प्रति टन की यह विशेष सब्सिडी अगले आदेश तक जारी रहेगी।