जून-जुलाई महीने में खेती के लिए सबसे उपयुक्त फसलों में शामिल हैं केला, अमरूद, लीची और अन्य फलों की खेती, इन महीनों में किसानों को नए बाग़ रोपने के लिए काम शुरू करना चाहिए।
फलों के पेड़ों के निकास का प्रबंधन भी महत्वपूर्ण है, जिससे पेड़ों की सेहत और उत्पादन में सुधार होता है, खेत में मिट्टी का चढ़ावा देना भी आवश्यक है, ताकि फसल को आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त हो सकें।
पेड़ों के ठिकाने और फलों के संकलन के लिए उपयुक्त संरचनाओं का निर्माण करें, समय पर बारिश के लिए प्रबंधित जल संसाधन सुनिश्चित करें, ताकि पेड़ों को पर्याप्त पानी मिल सके।
खरपतवार और कीट प्रबंधन को ध्यान में रखें, ताकि फसल सुरक्षित रहे, फसलों की उचित खाद के साथ उपयुक्त उपजाऊ दवाओं का उपयोग करें।
उचित जल्दबाज़ी और सही तरीके से प्रगति का निरीक्षण करें, उत्पादों को उचित मूल्य पर बाजार में बेचें, ताकि अच्छा मुनाफा हो सके।
स्थानीय बाजारों के साथ संबंध बनाए रखें और नए बाजारों का अन्वेषण करें, खेती में नवाचार और तकनीकों का उपयोग करें, जैसे कि जल संरक्षण के लिए ट्रिकलर आदि।
उचित फसल संरक्षण के लिए पंखे या जाल इत्यादि का उपयोग करें, उपयुक्त समय पर फसल का कटाई करें, ताकि पके हुए और उत्पादनशील फल प्राप्त हो सकें।
किसानों को अनुकूल उपजाऊ और मध्यम संगठनों के साथ मिलकर काम करना चाहिए, खेती के लिए विशेषज्ञों और कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लें।
किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं और ऋण योजनाओं के बारे में जागरूक रहना चाहिए, फसल की रोपाई, छांटाई और संकलन के लिए पर्याप्त मजदूरों की व्यवस्था करें।
किसानों को खेती के लिए स्थानीय बीजों का उपयोग करना चाहिए, जो स्थानीय प्रदर्शन के अनुरूप होते हैं, किसानों को नवीनतम कृषि यंत्रों और उपकरणों का उपयोग करना चाहिए, जो खेती को सुगम और उत्पादक बनाते हैं।