महाराष्ट्र और मराठावाड़ा में तापमान 43 डिग्री के करीब है।
तापमान वृद्धि के कारण जानवरों को धूप से परेशानी हो रही है।
दूधारु जानवर चारा कम खाते हैं, जिससे दूध उत्पादन में 15% की गिरावट हुई है।
इससे किसानों की आमदनी भी घट गई है। ग्रामीण क्षेत्र में पशुपालन का व्यवसाय महत्वपूर्ण है।
तापती धूप के कारण पशुओं को ठंडा पानी पिलाना जरूरी है।
जानवरों को छांव में बांधकर रखना चाहिए। दिन में कम से कम दो बार जानवरों को पानी में बिठाना चाहिए।
जानवरों के लिए स्वीमिंग टैंक बनाना उपयुक्त हो सकता है।
धूप से जानवरों की रक्षा करने से दूध में आई गिरावट कम हो सकती है।