भारतीय मौसम विभाग ने हाल ही में जारी की गई भविष्यवाणी के अनुसार, इस गर्मी के मौसम में तापमान अपने चरम पर बना रहने की संभावना है, जिसे पिछले साल की गर्मियों से तुलना करते हुए बताया गया है। इसलिए किसानों सहित पशुपालकों को अपनी पशुओं की उचित देखभाल करने की सलाह दी जा रही है।
पशुपालन के क्षेत्र में मौसम बदलते रहने और अनियमित तापमान की वजह से चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। किसानों की तरह पशुपालकों को भी इससे नुकसान हो रहा है, फरवरी में अचानक तापमान बढ़ने के बाद मार्च की बारिश ने फिर से मौसम को उलझाया है।
तापमान बढ़ने की संभावना
पिछले कुछ दिनों से तापमान में बढ़त देखी जा रही है, आईएमडी (India Meteorological Department) के पूर्वानुमान के मुताबिक, अप्रैल से दूसरे पखवाड़े से देश के कई इलाकों में तापमान बढ़ने की संभावना है, और अगले 2 महीने में भीषण गर्मी की समस्या बनी रहेगी।
इस दुष्प्रभाव को कम करने के लिए न केवल किसानों को बल्कि पशुपालकों को भी सावधान होने की आवश्यकता है। इसलिए, पशुओं को तपती गर्मी और लू से बचाने के लिए अभी से ही विशेष इंतजाम करने की सलाह दी जा रही है, ताकि दूध-डेयरी के कारोबार पर कोई असर न पड़े।
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गर्मियों में पशुओं की देखभाल बहुत जरूरी
गर्मियों में पशुओं की देखभाल बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि उन्हें तेज गर्मी का सामना करना पड़ता है। अगर पशुपालक इस बात का ख़्याल नहीं रखते कि उनके पशु सुरक्षा के लिए ठंडे जगह पर रहें, तो कई बार पशुओं की त्वचा सुख जाती है, और उन्हें बीमारी हो जाती है, वही दूध की मात्रा मे भी कमी होने के मामले देखे जाते हैं।
इसलिए इस समस्या से बचने के लिए, पशुपालकों को पशुओं के लिए ठंडे जगह का इंतजाम करना होगा ताकि पशु सुरक्षित रह सकें।
गर्मियों मे इन बातों का रखें खास ध्यान
आपके पालतू पशु भी आपकी तरह गर्मी के मौसम में अनेक समस्याओं का सामना कर सकते हैं। उनमें से एक समस्या है, कुछ समस्या नीचे दी गई है….
गर्मियों मे डीहाइड्रेशन और लू – Dehydration and Heat stroke
डीहाइड्रेशन, जो पशुओं को भी प्रभावित करता है, पानी की कमी से आपके पशु सही तरीके से दूध नहीं दे पाते हैं। इसलिए, आपको अपने पालतू पशु को प्रतिदिन 2-3 बार पानी पिलाना चाहिए जिससे वह डिहाइड्रेशन से बच सकें। आप अपने पशु को पानी में आटा और नमक मिलाकर पिलाने से लू लगने का खतरा भी कम कर सकते हैं, और उनमें एनर्जी कायम रहती है।
गर्मी में बुखार होने की संभावना
आपके पशु को तेज गर्मी में बुखार होने की संभावना भी होती है, ऐसे में, वे जीभ बाहर निकालने लगते हैं, और झाग छोड़ने लगते हैं।
अगर आपके पशु में ये लक्षण दिखते हैं, तो आप पशु विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं, जो उन्हें सरसों के तेल के साथ पिलाने की सलाह देंगे। यह उन्हें वसा और एनर्जी प्रदान करेगा जिससे वे स्वस्थ और एनर्जेटिक रहेंगे।
खान-पान का रखें खास ध्यान
गर्मियों में खान-पान की विशेष देखभाल अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, दूध देने वाले पशुओं के लिए दिन में एक्स्ट्रा फीड की आवश्यकता होती है, ताकि उनके उत्पादन में कोई कमी न हो।
इस समय पशुओं को हरा और पौष्टिक चारा देने के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए। हरे चारे में पानी की अधिक मात्रा होती है, जिससे पशु हाइड्रेटिड रहते हैं, और वे स्वस्थ और सक्रिय रहते हैं।
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