कुछ समय पहले से भारत में विदेशी फलों की खेती का चलन बढ़ने लगा है, किसान अब स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit) से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। थाई एप्पल भी एक ऐसा विदेशी फल है, जो बाजार में सेब और बेर के समान दिखता है, और इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी होती है।
थाई एप्पल बेर (Thai Apple Ber) के पेड़ से हर साल 100 किलो तक फल उत्पादित किए जा सकते हैं, इस फल की मांग बाजार में बहुत ज्यादा होती है, और इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक होती है। इसलिए यह अच्छी कीमतों पर बाजार में बिकता है।
थाई एप्पल बेर की खेती कैसे की जाती है ?
थाई एप्पल बेर की खेती करने के लिए किसानों को प्रति पौधे के लिए 5 मीटर दूरी पर गड्ढे खुदाने की जरूरत होती है। ये गड्ढे 2-2 फीट लंबाई-चौड़ाई के वर्गाकार होते हैं।
इन गड्ढों में 25 दिनों तक सौराीकरण का इंतजार करना होता है, इसके बाद, गड्ढों में 20 से 25 किलो अच्छी सड़ी हुई या कंपोस्ट खाद, नीम की पत्तियां, नीम की खली और कुछ पोषक तत्व मिलाकर डाले जाते हैं।
किसान 50 से 60 हजार रुपये की लागत से 100 किलो तक उत्पादन कर सकते हैं, जो बाजार में आसानी से बिकता है।
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थाई एप्पल बेर की खेती कलम विधि
थाई एप्पल बेर की खेती कलम विधि (Thai Apple Ber Cultivation) से की जाती है, किसान खेत में 1 बीघा क्षेत्र में थाई एप्पल बेर के 80 पौधे उगा सकते हैं, जो 15 फीट की दूरी पर लगाए जाते हैं।
इसके अलावा, किसान खेत में बीच के खाली स्थान पर बैंगन, मिर्च, मटर, और मूंग जैसी फसलों की खेती कर अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं। इन पेड़ों में सूखे की मार से उन्हें नुकसान नहीं होता है।
एप्पल बेर एक बहुत मुनाफे वाली फसल
खेती में थाई एप्पल बेर एक बहुत फायदेमंद और मुनाफे वाली फसल है, इसके लिए किसान देसी और हाइब्रिड प्रजातियों (Hybrid Thai Apple Ber) का उपयोग करते हैं। इन प्रजातियों से किसान 6 महीने के भीतर ही 100 किलो फल का उत्पादन कर सकते हैं।
थाई एप्पल बेर का भाव -Thai Apple Ber Price
साल भर की रोपाई के बाद, पौधों के परिपक्व होने पर, 20 से 25 किलो फलों का उत्पादन होता है। बाजार में थाई एप्पल को 50 रुपए प्रति किलो के भाव (Thai Apple Ber Price) पर बेचा जा सकता है, एक बार पौधा लगाने के बाद, किसान अगले 50 साल तक थाई एप्पल बेर की फसल से बंपर उत्पादन ले सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
थाई एप्पल बेर की खासियतें
- इस फल में विटामिन सी, ए, बी और शर्करा के साथ-साथ खनिज प्रदार्थ, जस्ता, कैल्शियम आदि लाभदायक खनिज तत्व होते हैं।
- अपने मीठे, स्वादिष्ट और गुणवत्तापूर्ण स्वाद के कारण एप्पल बेर अन्य बेरों की तुलना में अधिक लोकप्रिय है।
- यह फल सेब जैसे गुणों के साथ औषधीय गुणों की खासियत भी रखता है।
- इसकी कीमत सामान्य बेरों की तुलना में दो-तीन गुणा अधिक होती है और इससे किसानों को अधिक मुनाफा मिलता है।
- देसी बेरों की तुलना में एप्पल बेर का उत्पादन दो-तीन गुणा अधिक होता है।
- सरकार किसानों को हाइब्रिड बेर पौधों पर 50% सब्सिडी भी प्रदान करती है जो 3 सालों में किस्तों से आते हैं।
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