शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल बीमा योजना (Fasal Bima Yojna)के तहत भुगतान करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत, वर्ष 2021-22 के लिए लगभग 3000 करोड़ रुपए दावा भुगतान किए जाएंगे।
यह चुनावी मौके से पहले हुआ है, जिससे मध्य प्रदेश के किसानों को खुश किया जा सके। विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर में होंगे जिससे सरकार चुनावी मोड में आ चुकी है। अधिकारी और कर्मचारी भी इस योजना के लिए तैयार हैं।
किसनाओ को मिलेगा 3000 करोड़ रुपए का बीमा
कृषि विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, प्रदेश के किसानों को वर्ष 2021-22 के लिए पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojna) के तहत लगभग 3000 करोड़ रुपए का दावा मिलेगा।
इस से 44 लाख 77 हजार से अधिक आवेदक किसानों को लाभ मिलेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने 2900 करोड़ रुपए राज्यांश भी जमा करवा दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, वर्ष 2022-23 के लिए भी राज्यांश जमा करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो जल्द ही पूरी होगी। उम्मीद है, कि दोनों वर्षों के लिए बीमा दावा का भुगतान एक साथ होगा।
इसे पढे – क्या केसीसी कार्ड धारक की मृत्यु के बाद कर्जमाफी होती है? जानिए नियम
भुगतान के लिए गंभीर एवं सुनियोजित प्रयास
प्रदेश के किसानों को खरीफ 2021 से वर्तमान रबी 2022-23 तक फसल बीमा दावों का भुगतान नहीं हुआ है।
कृषि विभाग के अधिकारी श्री एम. सेलवेन्द्रन ने बताया कि फसल बीमा जैसी कृषक हितैषी योजना की पेंडिंग राशि का भुगतान इस वर्ष करने के लिए गंभीर एवं सुनियोजित प्रयास किए जा रहे हैं।
इससे यह सुनिश्चित होगा कि आगामी वर्षों में योजना के तहत दावा भुगतान समय पर हो सकें।
प्रदेश में पीएम फसल बीमा योजना (Crop Insurance Scheme) के क्रियान्वयन के लिए जिलों के 11 क्लस्टर बनाए गए हैं। इसके अलावा योजना में भू-अभिलेख (bhu abhilekh) से इंटीग्रेशन कर नोटीफिकेशन प्रक्रिया को डिजिटलीकृत किया गया है।
समय रहते फसल बीमा का लाभ मिलना चाहिए
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया है, कि किसानों को समय रहते फसल बीमा (crop insurance ) का लाभ मिलना चाहिए। वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं, कि प्रभावित किसानों के फसल बीमा योजना के प्रकरण तत्काल बनाए जाएँ और किसानों को योजना का लाभ समय पर मिले।
किसानों ने खरीफ फसल का ऋण चुकाने की समय सीमा का आग्रह किया था जिसके कारण यह समय सीमा 28 मार्च से बढ़ा कर 30 अप्रैल कर दी गई है।
इस समय सीमा में वृद्धि से 60 करोड़ रूपये का अतिरिक्त ब्याज भार आएगा, जिसका भुगतान राज्य शासन द्वारा किया जाएगा।
किसान भाइयों के साथ शिवराज सरकार
घोषणा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि जब ओला-वृष्टि से फसल नुकसान होता है, तो वह सभी के लिए एक आपदा बन जाती है, और इस समय हमारी सरकार किसान भाइयों के साथ है।
25 से 35 प्रतिशत नुकसान में भी राहत राशि मिलेगी
इसलिए, किसानों को प्रति हेक्टेयर 32 हजार रुपये की राहत राशि दी जाएगी। किसानों को 25 से 35 प्रतिशत नुकसान की स्थिति में भी राहत राशि मिलेगी और 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान को 100 प्रतिशत मानते हुए राहत दी जाएगी।
ओला प्रभावित किसानों से वसूली स्थगित
मंत्रीगण अपने-अपने क्षेत्रों में ओला प्रभावित खेतों के सर्वे कार्य में समन्वय और निगरानी करेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि ओला प्रभावित किसानों से वसूली स्थगित करने का फैसला भी लिया गया है, जिसका ब्याज भी राज्य सरकार द्वारा भरा जाएगा।
इससे किसानों को अगली फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण मिलेगा।
फसल बीमा योजना बुवाई चक्र के पूर्व से लेकर फसल की कटाई के बाद तक के लिए सुरक्षा प्रदान करती है, जिसमें सुरक्षित की गई बुवाई और फसल सत्र के मध्य में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान के लिए सुरक्षा भी प्रदान करना शामिल है।
इसे भी पढे – ग्रामीण पशुपालकों के लिए SBI द्वारा निकाली जोरदार लोन स्कीम