बेल पर ले सकेंगे टमाटर एवं खीरे की उपज, मिलेगी बंपर पैदावार

हरियाणा राज्य के गांव में अर्ध शुष्क बागवानी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया है, इस केंद्र पर नई तकनीक पर आधारित 16 से 17 स्ट्रक्चर बनाए गए हैं, जहां पर बेल वाले टमाटर व खीरे के पौधों को तैयार किया जावेगा।

कृषि क्षेत्र में कई नई तकनीकों का विकास आए दिन किया जा रहा है, जिससे की फसलों का उत्पादन और किसान की आमदनी को बढ़ाया जा सके अभी हाल ही में हरियाणा राज्य के गिगनाऊ नामक गांव में अर्ध शुष्क बागवानी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया है।

यह केंद्र लगभग 50 एकड़ भूमि में बनाया गया है, और इसको बनाने में ₹12 करोड़ से अधिक की लागत आई है, इस केंद्र का उद्घाटन 22 जनवरी 2023 को किया गया था।

हरियाणा के इस गांव में बनाए गए अर्ध शुष्क बागवानी केंद्र में टमाटर और खीरे के ऐसे पौधे तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें टमाटर पौधे पर नहीं बल्कि बेल मैं लगेंगे।

मौसम का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा

इस केंद्र पर नई तकनीक पर आधारित 16 से 17 स्ट्रक्चर बनाए गए हैं, इन पर मौसम का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा नहीं अत्यधिक कड़ाके की ठंड से पौधों पर कोई आंच नहीं आएगी और ना ही गर्मियों के समय में लू के समय इसके अंदर पौधों पर कोई फर्क पड़ेगा। इस केंद्र में 35 से 40 लाख पौध एक साथ तैयार हो सकेंगे।

इस केंद्र पर 17 अलग-अलग प्रकार के स्ट्रक्चर बनाए गए हैं, उसमें से एक ग्राफ्टिंग स्ट्रक्चर है जिसमें सर्दी और गर्मियों में तापमान एक जैसा बना रहेगा यहां पर पपीते अनार व अन्य सब्जियों को तैयार किया जाएगा जहां पर तापमान और आद्रता को नियंत्रित रखा जाएगा।

जर्मन तकनीक से बना नेचुरल वेंटिलेटेड पॉलीहाउस

यहां पर नेचुरल वेंटिलेटेड पॉलीहाउस भी बनाया गया है, जो कि जर्मन तकनीक से बनाया गया और पूरी तरीके से सेंसर पर आधारित है। जब भी पौधों को धूप और हवा की जरूरत होगी तब सेंसर की मदद से यह सीटें अपने आप खुल जायेगी।

कैसे तैयार होगी टमाटर और खीरे की बेल

इस केंद्र में दो पाली नेट के हाउस बनाए गए हैं, यह हाउस नेट व सीट की मदद से बनाए गए है। पॉलिनेट हाउस के ऊपर पॉलिथीन और नेट की पर चढ़ाई गई है, पॉलिथीन बारिश से पौधों को सुरक्षित करेगा और नेट कीड़े मकोड़ों से फसलों को सुरक्षा प्रदान करेगा।

इस पॉलिनेट हाउस में लाल, पीली व हरी शिमला मिर्च तथा बेल वाले टमाटर व खीरे के पौधों को तैयार किया जावेगा।

सेक्ट नेट हाउस मे तैयार होंगे यह पौधे

इस उत्कृष्ट केंद्र में इंसेक्ट नेट हाउस भी लगाए गए हैं, इन इंसेक्ट हाउस में कंक्रीट के बेड बने हुए हैं, इन बेड पर ड्रिप सिंचाई प्रणाली लगी हुई है, इस हाउस में फल वाले पौधे जैसे अनार, अंजीर, अमरुद, नीबू, किन्नू, ड्रैगन फ्रूट, एप्पल बोर, आदि के पौधों को तैयार किया जाएगा।

मदर ब्लॉक

इस उत्कृष्ट केंद्र में एक मदर ब्लॉक भी बनाया है गया हुआ है इसमें फलों के बड़े पौधों को तैयार कर उनमें कटिंग हुआ बर्ड लेकर नए पौधे तैयार किए जाएंगे जो कि कई प्रकार की बीमारियों से सुरक्षित होंगे।

टमाटर की रेट एवं शिमला मिर्च की खेती के लिए वॉक इन टनल

पॉलिथीन और पॉलीथिन के नीचे नेट लगाकर एक गुफा ढांचा (वॉक इन टनल) तैयार किया गया है, जिसमें खीरे टमाटर और शिमला मिर्च के साथ-साथ स्ट्रॉबेरी की खेती की जाएगी।

यह टनल की खास बात यह होगी कि इसमें अत्यधिक सर्दी व गर्मी से पौधे पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे। पौधों को पानी प्रदान करने के लिए ड्रिप प्रणाली का उपयोग किया जाएगा।

ग्रीन हाउस में तैयार होंगे 40 हजार पौधे

20 एकड़ जमीन में हाइटेक ग्रीन हाउस लगाकर 30 से 40 लाख पौधों को तैयार किया जा रहा है। जिसमें अमरुद, अनार, खजूर, बेर, ड्रैगन फ्रूट, नींबू वर्गीय फल, नाशपाती, रेड ब्लड माल्टा आदि का रोपण किया जाएगा।

यहां पर भी पौधों को सिंचाई के लिए ड्रिप प्रणाली का उपयोग किया जाएगा इसके लिए 62 लाख लीटर के दो टैंक बनाए गए हैं।

विदेशों में भी हो सकेगा फलों का निर्यात

हरियाणा राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री जयप्रकाश दलाल ने इग्नॉउ गांव में बनाए गए इस सेंटर के बारे में बताया और कहा कि यह किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगा और कहा कि प्रदेश में बागवानी के लिए बजट को बढ़ाया गया है।

साथ ही उन्होंने कहा कि – अब वह दिन दूर नहीं है, जब हरियाणा के किसान द्वारा उत्पादित किए गए फसलों को विदेशों में निर्यात किया जाएगा।

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